मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। अपने एक बयान में कमलनाथ ने कहा है कि “मध्य प्रदेश बलात्कार, बेरोजगारी की राजधानी बन गया है। किसान परेशान हैं। यह सभी के सामने है।” बता दें कि हाल ही में राज्य के नरसिंहपुर जिले में एक दलित महिला के साथ गैंगरेप की घटना सामने आयी है। खबर के अनुसार पुलिस ने इस मामले में 4 दिन तक भी केस दर्ज नहीं किया। जिस पर पड़ोसियों के तानों से आहत होकर पीड़ित महिला ने आत्महत्या कर ली।
हाल ही में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े सामने आए हैं। वहां भी मध्य प्रदेश सरकार की किरकिरी हुई है। दरअसल दलित बच्चियों से बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले में मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है। यह खुलासा एनसीआरबी के साल 2019 के आंकड़ों से हुआ है। इस दौरान प्रदेश में दलित बच्चियों के साथ बलात्कार की 214 घटनाएं हुई। रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते एक दशक में देश में दलितों के खिलाफ अपराध 37 फीसदी बढ़ गए हैं लेकिन अपराध सिद्धी के मामलों में सिर्फ 2.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
वहीं भाजपा ने इन आंकड़ों के लिए पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा का कहना है कि यह रिपोर्ट कमलनाथ सरकार के दौरान की है। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट ऐसे वक्त सामने आयी है, जब हाथरस गैंगरेप की घटना को लेकर कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश में आने वाले दिनों में 28 विधानसभा सीट पर उप-चुनाव होने हैं। इन उप-चुनाव के नतीजों पर भाजपा की मौजूदा सरकार का भविष्य टिका हुआ है। यही वजह है कि उपचुनाव के चलते कांग्रेस पार्टी और सत्ताधारी भाजपा एकदूसरे को घेरने में जुटे हैं।
एनसीआरबी की रिपोर्ट की बात करें तो महिलाओं के खिलाफ अपराध में 2009 से 2019 के बीच 86 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं इस दौरान बलात्कार की घटनाओं में भी 50 फीसदी की तेजी आयी है। उत्तर प्रदेश में साल 2019 में दलितों के खिलाफ अपराध की सबसे ज्यादा 11,829 घटनाएं हुई हैं। इसके बाद राजस्थान में 6794, बिहार में 6544 केस सामने आए हैं।
रेप के दर्ज हुए केसों के मामले में राजस्थान में बीते 10 सालों में 295 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है, जो कि देश में सबसे ज्यादा है। इसके बाद केरल का स्थान आता है, जहां 256 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। दिल्ली में 167 फीसदी और हरियाणा में 145 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।