चक्रवात ‘बुलबुल’ के कहर से बंगाल में भारी नुकसान हो रहा है। 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं से अब तक पश्चिम बंगाल में 10 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। पड़ोस के ओडिशा में भी दो लोगों की जाने गई हैं। इसके अलावा बांग्लादेश में भी आठ लोगों की तूफान से मौतें हुई हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं। तूफान के चलते आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। हालांकि शनिवार की रात तूफान के दक्षिण 24 परगना जिले में पहुंचने से रविवार सुबह कोलकाता हवाई अड्डे पर विमानों का संचालन फिर से शुरू हो सका है।

यातायात सेवाएं बुरी तरह अस्तव्यस्त : राज्य में तेज हवाओं की वजह से सैकड़ों पेड़ उखड़ गए हैं। इससे सबसे ज्यादा असर यातायात पर पड़ा है। बंगाल में कोलकाता समेत सभी शहरों में ट्रैफिक संचालन में दिक्कत आई हैं। राज्य में 20 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुई है। उन्होंने कोलकाता के नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और मुख्य सचिव राजीव सिन्हा के साथ हालात पर चर्चा की।

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2.73 लाख परिवार प्रभावित : चक्रवाती तूफान के चलते राज्य में 2.73 लाख परिवार प्रभावित हुए हैं। कई लोगों का घर बर्बाद हो गया है। करीब 1.78 लोगों ने सरकारी और सामाजिक संस्थाओं के राहत कैंपों में शरण ली हुई है। जिन लोगों के मकान ढह गए हैं, उनके सामने अब सबसे बड़ी चिंता रहने की है। कई लोगों का कहना है कि सरकारी सुविधाएं नाकाफी है।

केंद्र सरकार भी बनाई हुई है नजर : चक्रवात ‘बुलबुल’ के कोलकाता पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत की थी और आपदा से निपटने के लिए राज्य को हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया था। गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करके राज्य की स्थिति का जायजा लिया था। उन्होंने भी मुख्यमंत्री को केंद्र की ओर से पूरी मदद देने का आश्वासन दिया था।