उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्य में सार्वजनिक समारोह, धार्मिक आयोजन और राजनीतिक बैठकों पर 30 सितंबर तक प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है।
नए आदेश के मुताबिक राज्य में सभी तरह के जुलूस, ताजिया और झांकियां भी प्रतिबंधित रहेंगी। बताया गया कि ये रोक इसलिए लगाई है क्योंकि असामाजिक तत्वों द्वारा कानून-व्यवस्था और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की जा सकती है। हालांकि इस बीच घरों में मूर्तियों और ताजियों पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। राज्य के सभी जिला अधिकारिओं और पुलिस अधिकारियों के अलावा नए आदेश की कॉपी पुलिस आयुक्तों, एडीजी जोन और आईजी-डीआईजी रेंज के अधिकारियों को भी भेजी गई है। इसमें राज्य के सभी धार्मिक स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
आदेश में खासतौर पर श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी और एतिहासिक स्थल ताजमहल की सुरक्षा पर खासतौर पर ध्यान देने को कहा गया है। इसके अलावा राज्य में असामाजिक तत्वों पर पैनी नजर रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में यूपी प्रशासन लॉकडाउन दिशा-निर्देशों का पालन करवाने में भी सख्ती से जुटा है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके तहत कोविड-19 के कारण जनपद गौतम बुद्ध नगर में लागू धारा 144 तथा लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को जारी जांच के दौरान पुलिस ने छह मामले दर्ज कर 15 लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के मीडिया प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते जनपद गौतम बुद्ध नगर में धारा 144 तथा लॉकडाउन जारी है। उन्होंने बताया कि सोमवार को पुलिस ने 4936 वाहनों की जांच की और 1936 वाहनों का चालान काटा। उन्होंने बताया कि 10 वाहन जब्त कए गए। उन्होंने बताया कि 2,47,800 रुपए पुलिस ने शमन शुल्क के रूप में वसूला है।