गुजरात के सूरत शहर में जीवन रक्षक वेंटिलेटर्स को कचरे के ट्रक में भर कर ले जाया गया। ऐसा तब हुआ, जब वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रण की वापसी दूसरी लहर के तौर पर और आक्रमक तरीके से देश के कई हिस्सों में लौट रही है। हैरत की बात यह है कि सूरत में इस तरह की सूरत के बावजूद प्रशासन ने भी वेंटिलेटर्स के साथ इस सलूक पर कोई आपत्ति और विरोध नहीं जताया।
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए इसी तरह लगभग 50 वेंटिलेटर्स को दो ट्रकों में रखकर वलसाड से सूरत पहुंचाया गया। दोनों जगहों के बीच की दूरी 50 किमी के आस-पास है। सूरत प्रशासन ने भी इन ट्रकों को भेजे जाने पर किसी प्रकार का विरोध नहीं जताया। न ही सवाल उठाए। बताया जा रहा है कि घटना के फोटो और वीडियो वायरल होने के बाद संबंधित महकमे में हड़कंप मच गया। वसलाड कलेक्टर आरआर रावल ने मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
स्थानीय मीडिया और सोशल प्लैटफॉर्म्स के जरिए जब कचरा वाहन पर लदे वेंटिलेटर्स का फोटो सामने आया, तो कई लोगों ने उसे पोस्ट करते हुए इस हालत और व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाए। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर @1Patelzuber नाम के हैंडल से हैरानी जताते हुए कहा गया, “यह सरकार गुजरात मॉडल है। सूरत से वलसाड तक इन वेंटिलेटर्स को कचरा ले जाने वाले ट्रक से ले जाया गया। क्या इस तरीके से सरकार कोरोना वायरस से लड़ सकती है?”
जुबैर पटेल गुजरात प्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया में कॉर्डिनेटर हैं। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में पूछा- गुजरात मॉडल की सरकार क्या ऐसे कोरोना से जनता को बचा पाएगी? वलसाड से सूरत वेंटिलेटर को कचरे की गाड़ी में भेजा जा रहा है! गुजरात सरकार का हेल्थ डिपार्टमेंट खुद वेंटिलेटर पर है इस कि गवाही देता ये फोटो है! क्या सरकार जनता को कोरोना से बचाने में सक्षम है? बिल्कुल नहीं।
