Coronavirus Lockdown in India: कोरोना वायरस महामारी के चलते जारी लॉकडाउन के बीच सोमवार (11 मई, 2020) को जयुपर में शास्त्री नगर के नाहरी का नाका इलाके में बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए। इन्होंने राशन की कमी और घर वापस ना भेजने पर नाराजगी जाहिर की। बाद में प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने खदेड़ दिया। कई प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि उन्हें पीटा गया। हालांकि अधिकारिनों ने कहा कि बल प्रयोग नहीं किया था।

पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी रियाजुल करीम कहते हैं कि पिछले एक महीने से हमें प्रर्याप्त राशन नहीं मिला है। पैसे भी खत्म हो चुके हैं। इसलिए सोमवार को सड़कों पर उतरने का फैसला लिया और प्रशासन से मांग की हमें भोजन दिया जाए व घर भेजने के साधन का इंतजाम किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर हमें अनुमति मिलती है तो खुद ही पूरे रास्ते पैदल चलने के तैयार हैं। इसके बजाय पुलिस ने बल प्रयोग किया जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। करीम ने दावा किया कि नाहरी का नाका इलाके में हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूर रहते हैं और लॉकडाउन के चलते उनकी बचत भी खत्म हो गई।

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मालदा निवासी और जयुपर में कंस्ट्रक्शन मजदूर मोहम्मद जलीलुद्दीन ने कहा कि वो प्रदर्शन में शामिल भी नहीं थे, मगर फिर भी मारपीट की गई। उन्होंने कहा, ‘मैं प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था। जब शाम को पुलिस ने प्रदर्शनकारी प्रवासियों पर बल प्रयोग किया तब मैं रमजान (उपवास) खोलने के लिए पास की दुकान पर कुछ गुड़ खरीदने गया था। मुझे भी डंडों से पीटा गया। बाद में पट्टी बंधवाने के लिए अस्पताल तक जाना पड़ गया।’ वहीं पुलिस ने किसी भी तरह के बल प्रयोग से साफ इनकार किया है।

शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) सज्जन सिंह ने कहा कि वहां लाठीचार्ज नहीं किया गया और पुलिस ने किसी भी प्रवासी को नहीं पीटा। जब पुलिस वैन वहां पहुंची तो कुछ प्रवासी मजदूरों ने यहां-वहां भागना शुरू कर दिया और पुलिस बैरिकेड्स से कूदने की कोशिश में खुद को घायल कर लिया। वहां करीब 400-500 लोग मौजूद थे। राशन देने की उनकी मांग को हमने अधिकारियों तक पहुंचाया है। एसएचओ ने कहा कि मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है और ना ही केस दर्ज किया गया।