उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का उत्तर प्रदेश में गठबंधन है। हालांकि सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ रही है। इस बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि हम उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन में कांग्रेस की बड़े भाई की भूमिका है। इंडियन एक्सप्रेस से उन्होंने बात की और अहम सवालों के जवाब दिए।

अजय राय की इंडियन एक्सप्रेस से हुई बातचीत के अंश

वर्तमान में आपकी सबसे बड़ी संगठनात्मक चुनौतियां क्या हैं?

हमारी सबसे बड़ी चुनौती कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना और उन्हें सही रास्ता दिखाना है। सरकार यूपी में कांग्रेस पदाधिकारियों के खिलाफ बदले की भावना से काम कर रही है। पिछले छह महीनों में ही हमारे जिला अध्यक्षों और कैडर नेताओं को हिरासत में लिया गया और झूठे आपराधिक मामलों में फंसाया गया। हाल ही में मैं मुरादाबाद गया था, जहां हमारे संभल जिला अध्यक्ष विजय शर्मा जेल में हैं। हम जल्द ही विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे। इससे पहले हमारे आज़मगढ़ जिला अध्यक्ष (प्रवीण सिंह) को भी इसी तरह परेशान किया गया था। अयोध्या, बिजनौर, संभल और आज़मगढ़ जैसे जिलों में हमारे जिला अध्यक्षों और कैडर नेताओं को हतोत्साहित करने के लिए झूठे मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया है। लेकिन इस घड़ी में हम उनके साथ खड़े हैं।

आप कैडर को और कैसे प्रेरित रख रहे हैं और उन्हें आगे क्या काम सौंपा जाएगा?

हम विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए यूपी से महाराष्ट्र जाने के लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक टीम भी तैयार कर रहे हैं। यूपी के लोगों का महाराष्ट्र से गहरा नाता है, खासकर पूर्वी यूपी के लोगों का। रायबरेली और अमेठी से लेकर जौनपुर, गोरखपुर, गाज़ीपुर, डुमरियागंज और वाराणसी तक, जिला इकाइयों को उन पार्टी नेताओं की पहचान करने के लिए कहा गया है जिनके परिवार महाराष्ट्र में हैं और जिनका प्रभाव है। ये टीमें जमीनी स्तर पर काम करने के लिए समूहों में महाराष्ट्र जाएंगी।

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बड़े पैमाने पर तैयारियों के बावजूद उपचुनाव से पीछे क्यों हटी कांग्रेस?

यूपी के हालात ने हमें ये फैसला लेने पर मजबूर किया। यूपी में जंगल राज है- इतना अपराध, हिरासत में मौतें। इस जंगल राज को हटाने के लिए हमने फैसला किया कि सपा को ये उपचुनाव लड़ने दिया जाए और इसके बदले उन्हें समर्थन दिया जाए। इसके अलावा यह कहना गलत है कि हम उपचुनाव से पीछे हट गए हैं। इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं और गठबंधन सहयोगी के रूप में हम सभी उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। हमने वरिष्ठ नेता (पूर्व सांसद) पीएल पुनिया जी के नेतृत्व में समन्वय समितियां बनाई हैं। विधानसभा क्षेत्र समन्वय समितियों की बैठक शुरू हो चुकी है। कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने सोमवार को गाजियाबाद में पहली बैठक की। इसलिए हम एक बड़े उद्देश्य के लिए इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए चुनाव में हैं।

आपने ‘बड़े मकसद’ के लिए उपचुनाव नहीं लड़ने की बात की।

हम कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि एकजुट होकर जंगलराज से लड़ना जरूरी है। उपचुनावों का यह संदेश 2027 तक दूर तक जाएगा। जनता चाहती है कि हम एकजुट होकर चुनाव लड़ें और यही महत्वपूर्ण है। हमने इस बारे में सोचा और अपने कैडर से बात की और फैसला किया कि सभी सीटें कांग्रेस के समर्थन से सपा के लिए चुनाव लड़ने के लिए छोड़ दी जानी चाहिए। हम अपने कैडर को आश्वस्त कर रहे हैं कि 2027 (विधानसभा चुनाव) सामने हैं और हमें विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहना होगा।

यूपी में गठबंधन का भविष्य क्या है और कांग्रेस की भूमिका क्या होगी?

गठबंधन में कांग्रेस ‘बड़े भाई’ की भूमिका में रही है और रहेगी। हमने गठबंधन सहयोगियों को साथ लिया है और भविष्य में भी उन्हें साथ लेकर चलेंगे। जैसा कि मैंने कहा जनता चाहती है कि हम एकजुट होकर चुनाव लड़ें। हम पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं और भविष्य में भी एक छतरी के नीचे चुनाव लड़ेंगे।