आगामी 26 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर असहिष्णुता से लेकर महंगाई तक के मुद्दों पर सरकार को घेरेंगी। गैर कांग्रेसी विपक्षी पार्टियों और कांग्रेस के नेताओं के बीच बातचीत हुई है। खासकर जद (एकी) असहिष्णुता और अवॉर्ड वापसी के मुद्दे को बढ़-चढ़ कर उठाएगी। उधर, सरकार की रणनीति के बारे में वरिष्ठ केंदीय मंत्रियों ने मंगलवार को विचार विमर्श किया और उम्मीद जताई कि कांग्रेस जीएसटी सहित विभिन्न सुधार विधेयकों को पारित कराने में सहयोग करेगी।

सत्र में अपनाई जाने वाली सरकार की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार को गृह, वित्त, विदेश, रक्षा और संसदीय मामलों के मंत्रियों राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, मनोहर पर्रिकर और एम वेंकैया नायडू की बैठक हुई। इस बैठक में शमिल मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि सरकार का एजंडा है कि दोनों सदन सुगमता से चलें और विपक्ष के सहयोग से विधेयकों को पारित कराया जाए। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि सिंह, जेटली और नायडू सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं से भेंट करके उनका सहयोग मांगा है।

नकवी ने कहा- हमें राष्ट्रीय हित के महत्त्वपूर्ण सुधार विधेयकों को पारित कराने में कांग्रेस के सहयोग की उम्मीद है। कुछ वित्तीय विधेयकों सहित कुल 38 विधेयक संसद की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। इनमें महत्त्वपूर्ण जीएसटी विधेयक भी शामिल है। सरकार ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बाद में प्रधानमंत्री निवास पर भाजपा संसदीय दल एवं राजग के घटक दलों की कार्यकारिणी की बैठक होगी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी सत्र से पहले होने वाली पारंपरिक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
जहां तक विपक्ष का सवाल है बिहार के चुनावी नतीजों के बाद वह आक्रामक हो गया है।

जद (एकी) अध्यक्ष शरद यादव ने ट्विटर पर लिखा कि संवैधानिक पद पर रहकर अब असम के राज्यपाल ने अभद्र टिप्पणी की है जो दिखाता है कि सरकार ने बिहार में हार से कोई सबक नहीं ली । संविधान के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए हम चर्चा के दौरान ‘लव जिहाद’ से लेकर ‘घर वापसी’ और बढ़ती असहिष्णुता के मुद्दों को उठाएंगे । शरद ने ट्वीट किया कि सदन में उनकी पार्टी आरक्षण नीति के मुद्दे को भी उठाएगी। उन्होंने कहा कि देश में आरक्षण को सही भावना से लागू नहीं किया जा रहा।

इसके अलावा उन्होंने नियम 267 के तहत सदन में कार्य स्थगन के तहत दालों, खाद्य तेलों और सब्जियों की बढ़ती कीमतों के मुद्दों को भी उठाने का फैसला किया है। 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अपनाए जाने की स्मृति में और संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर को सम्मानित करने के उद्देश्य से सत्र के पहले दो दिनों में संसद का एक विशेष दो दिवसीय सत्र आयोजित किया जाएगा। विपक्षी पार्टियों का मानना है कि इससे उन्हें निर्धारित संवैधानिक प्रावधानों के आलोक में विभिन्न मुद्दों से निपटने के सरकार के तौर-तरीकों में त्रुटि तलाशने का मौका मिलेगा।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे मंगलवार को बोले- हमने पहले ही असहिष्णुता पर चर्चा के लिए नोटिस दे दिया है और नियम 193 के तहत इसे स्वीकार किया जाना चाहिए । तो हम 125वीं वर्षगांठ पर संविधान के बारे में चर्चा करेंगे । इसके अलावा हमने इस विषय पर एक अन्य नोटिस दिया है। इसे जब कभी स्वीकार किया जाएगा, हम इस मुद्दे पर एक साथ चर्चा करेंगे । हम में से हर कोई चाहता है कि देश में शांति और विकास एवं निवेश के आने के लिए सहिष्णुता हो।
शरद यादव का कहना था कि घर वापसी व दादरी से लेकर इस सरकार के पिछले 18 महीनों के शासनकाल में बढ़ती असहिष्णुता की घटनाओं को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी संसद के समक्ष असहिष्णुता पर चर्चा के लिए नोटिस देगी।

उधर सरकार ने बुधवार सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। भाजपा संसदीय दल की कार्यकारिणी व राजग के घटक दल बाद में प्रधानमंत्री आवास पर मिलेंगे। लोकसभा अध्यक्ष भी एक सर्वदलीय बैठक करेंगी। शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा । बिहार चुनावों में राजग की हार के बाद यह पहला संसद सत्र है।