पंजाब में कांग्रेस नेताओं के बीच उठा विवाद अभी शांत ही हुआ था कि अब किसान नेताओं ने पार्टी के नए प्रमुख बनाए गए नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दरअसल, किसान संगठन सिद्धू के एक हालिया बयान पर नाराज हैं, जो उन्होंने चंडीगढ़ में हुए अपने ताजपोशी कार्यक्रम में दिया था।

क्या बोले थे सिद्धू?: दरअसल, सिद्धू ने पंजाबी में किसान मोर्चा को प्यासा और खुद को कुआं करार देते हुए कहा था, “मैं किसान मोर्चा को, बुजुर्गों को कहता हूं कि प्यासा कुएं के पास आता है। कुआं प्यासे के पास नहीं जाता। मैं तुमसे मिलना चाहता हूं। बताओ, मिलो, कहो मुझसे।”

किसान बोले- सिद्धू में दिख रहा घमंड: हालांकि, उनके इस बयान पर विवाद छिड़ गया। किसानों का कहना है कि बड़बोले सिद्धू ने किसानों को प्यासा और जरूरतमंद करार देकर उनका अपमान किया। किसानों ने सिद्धू को घमंडी करार देने के साथ साफ चेतावनी दी है कि वे उनके पैदा हुए अनाज को हाथ लगाने न आएं।

बठिंडा किसान यूनियन के जिला प्रधान शिंगारा सिंह मान ने सिद्धू के बयान पर ऐतराज जताया और कहा कि जिन किसानों को उन्होंने प्यासा बताया है, उन्हीं के हाथों से पैदा अनाज वे खाते हैं। इसलिए अगर वे किसानों के लिए कुछ कर नहीं सकते, तो उनकी फसल को हाथ न लगाएं। उधर एक और किसान नेता ने कहा कि सिद्धू सिर्फ कांग्रेस चीफ हैं, किसी संवैधानिक पद पर नहीं, इसलिए वे किसानों के लिए कुछ कर नहीं सकते।

भाजपा ने भी साधा सिद्धू पर निशाना: इतना ही नहीं भाजपा को भी सिद्धू पर हमले का मौका मिल गया। भाजपा सांसद श्वेत मलिक ने कहा कि जिस नवजोत सिंह सिद्धू ने राहुल गांधी को पप्पू का नाम दिया। जिस सिद्धू ने सोनिया गांधी को शीला का नाम दिया। देखिए कांग्रेस के कितने बुरे दिन आ गए कि उन्हीं सब नेताओं ने सिद्धू को अपना अध्यक्ष चुना है।

उधर पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने सिद्धू को राज्य कांग्रेस का प्रमुख बनाए जाने का कोई फायदा नहीं होने की बात कही। उन्होंने कहा, “इस बार जनता सपनों में आने वाली नहीं है। सरकार की कारगुजारी की जो सजा है, वो सिद्धू को भी मिलेगी, कांग्रेस को भी मिलेगी और पंजाब की जनता इस सरकार को इस बार चलता करेगी।”