Jaipur Municipal Corporation Heritage: जयपुर नगर निगम (जेएमसीएच) की कार्यवाहक मेयर कुसुम यादव ने बुधवार को पदभार ग्रहण किया। इस दौरान हनुमान चालीसा और जय श्रीराम के जयकारे लगे। हवामहल से भाजपा विधायक बालमुकुंदाचार्य ने बीजेपी के समर्थन में आए कांग्रेस पाषर्दों मनोज मुद्गल, उत्तम शर्मा और ज्योति चौहान को गंगाजल और गोमूत्र पिलाकर शुद्धीकरण किया। इसके साथ ही इसको उन्हें उनके होठों सहित चेहरों पर छिड़का गया।

हेरिटेज निगम की कार्यवाहक मेयर कुसुम यादव ने कहा कि अब भ्रष्टाचार दूर चला जाएगा। पदभार ग्रहण के दौरान बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा, बालमुकुंद आचार्य के अलावा कई पार्षद और भाजपा के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।

भाजपा ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद जेएमसीएच की मौजूदा मेयर मुनेश गुर्जर को पद से हटा दिया था और उनकी जगह कुसुम यादव को उम्मीदवार बनाया था। कुसुम को कांग्रेस के सात दलबदलुओं और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन मिला था। मंगलवार को आठों पार्षद भाजपा में शामिल हो गए। यादव के कार्यभार संभालने से पहले बुधवार को बालमुकुंद आचार्य ने जेएमसीएच परिसर, पार्षदों और अधिकारियों का शुद्धिकरण किया।

जयपुर के हवा महल विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने बालमुकुंद आचार्य स्थानीय लोगों के बीच लोकप्रिय हाथोज धाम मंदिर के महंत के रूप में जाने जाते हैं।

महंत ने कहा, “हमने इसे गंगाजल से शुद्ध किया है और सभी अशुद्धियों को दूर किया है। वैदिक मंत्रों के साथ पूजा-अर्चना के बाद बहनजी (नई मेयर) ने इस नवमी तिथि पर कार्यभार संभाल लिया है। अब नगर निगम में पवित्रता का माहौल रहेगा।” वहीं मेयर ने हनुमान चालीसा के पाठ और जय श्री राम के मंत्रों और नारों के साथ कार्यभार संभाला।

कांग्रेस पार्षदों द्वारा भाजपा को समर्थन देने पर उन्होंने कहा कि उन्हें गंगाजल पिला दिया है। सब गंगाजल, गोमूत्र पी चुके हैं और वैदिक मंत्रों का उच्चारण उनके कानों में जा चुका है। गंगाजल और गोमूत्र पीकर अब वो पूर्ण सनातनी हो चुके हैं। उनके कानों में वैदिक मंत्रों का जाप किया गया है और अब वे पूरी तरह से सनातनी हैं। सनातनियों के रूप में वे इस शहर को सुंदर बनाने के लिए हमारे साथ हैं।

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महंत ने कहा कि नगर निगम के अधिकारी भी “शुद्ध” हो गए हैं। “अधिकारी अब तक अशुद्ध थे। उन्हें इस तरह के काम (भ्रष्टाचार) करने के लिए मजबूर किया गया। अब वे भ्रष्टाचार से मुक्त हो गए हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या जेएमसीएच के अधिकारियों को भी गंगाजल और गोमूत्र दिया गया? उन्होंने कहा कि गंगाजल गोमूत्र आज सबको पिलाया है तभी तो प्रवेश किया है। हमारी संस्कृति में गंगाजल और गोमूत्र इसलिए पिलाया जाता है ताकि अगर आपने कोई अपराध किया है तो अब आप उससे मुक्त हो जाएं। अब आप सनातनी हैं, पवित्रता से काम करें।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि मैंने जेएमसी कार्यालय में गंगाजल और गोमूत्र छिड़का, क्योंकि वहां भ्रष्टाचार था। आज से जेएमसीएच भ्रष्टाचार मुक्त है। उन्होंने कहा कि उनके पास एक बोतल है जिसमें दोनों का मिश्रण है। उन्होंने कहा कि मैं इसे अपनी कार में रखता हूं और रोजाना पीता हूं। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने इसे पार्षदों पर छिड़का और वे यह नहीं कह सकते कि पानी की बूंद ने उन्हें छुआ नहीं।

इस शुद्धिकरण से गुजरने वाले पार्षदों में से एक मनोज मुदगल ने कहा कि वह निगम को भ्रष्टाचार और नकारात्मकता से मुक्त करने और इसके शुद्धिकरण के लिए गंगाजल छिड़क रहे थे। उन्होंने इसे मेयर के दफ़्तर में छिड़का, फिर मेयर के केबिन में, और जब उन्होंने हम पर छिड़का तो हम PA के कमरे में थे। हिंदू धर्म में यह सामान्य बात है, जब भी हवन होता है तो गंगाजल और गोमूत्र छिड़का जाता है… यह स्वच्छता के लिए है, यह संस्कार है। यह कोई बड़ी बात नहीं है।

वहां मौजूद एक अन्य पार्षद ज्योति चौहान ने कहा कि हम क्या कह सकते हैं, वह हमारे बड़े हैं, हमारे वरिष्ठ हैं। उन्होंने पूरे जेएमसी हेरिटेज हेड ऑफिस में गंगाजल छिड़का। वह कह रहे थे कि वह इसे भ्रष्टाचार से मुक्त कर रहे हैं, वह गंदगी (भ्रष्टाचार की) साफ कर रहे हैं।

कांग्रेस पार्षद उत्तम शर्मा ने कहा कि वह पूरे निगम में ऐसा कर रहे थे। सौभाग्य से, हम उस कमरे में थे जब वह आए और हम सभी पर इसका छिड़काव करना शुरू किया। लेकिन उनका इरादा हमें गंगाजल पिलाने का नहीं था। पार्षद भ्रष्ट नहीं हैं कि हमें शुद्ध करने की जरूरत है। निगम का पूरा परिसर भ्रष्ट था। उन्होंने कहा कि जब उन सहित अन्य पार्षदों पर यह मिश्रण छिड़का गया तो लोगों ने इसका गलत अर्थ निकाला, लेकिन बालमुकुंद आचार्य जी ने सही काम किया।।