ओमप्रकाश ठाकुर
पंजाब में आम आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत से सरकार बन जाने के बाद हिमाचल में भी राजनीतिक दलों में उथल-पुथल मची हुई है। भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं ने अपने-अपने संगठन के कार्यकर्ताओं व नेताओं से संपर्क बढ़ाना शुरू कर दिया है ताकि उन्हें आम आदमी पार्टी में जाने से रोका जा सके। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा तक खुद संगठन पर निगाह रख रहे हैं जबकि नड्डा ने तो हिमाचल की राजनीति से एक तरह से दूरी ही बना ली थी। लेकिन अब वे हिमाचल की ओर रुख करने लग गए हैं।
छह अप्रैल को आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान मंडी में रोड शो करने जा रहे हैं। यह शो कितना सफल रहता है, इसका संदेश पूरे प्रदेश में देने की कोशिश की जाएगी। दिल्ली से स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन, रत्नेश गुप्ता, दुर्गेश पाठक जैसे तमाम नेता मंडी में डेरा डाले हुए हैं और भीड़ कैसे जुटानी है इस बाबत रणनीति में लगे हुए हैं। कहा जा रहा है कि अभी तक जिस तरह से लोगों के खुल कर आम आदमी पार्टी के पक्ष में आने की उम्मीद थी, उस तरह से लोग खुल कर पार्टी के साथ नहीं जा रहे हैं। चूंकि पार्टी के पास कोई चेहरा भी नहीं है।
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के साथ इससे पहले प्रदेश के संयोजक बनाए गए पूर्व भाजपा सांसद व आरएसएस के स्वयंसेवक राजन सुशांत के साथ अनुभव बहुत ज्यादा सुखद नहीं रहा था। इससे प्रदेश में आम आदमी पार्टी को लेकर जो छवि बनी वह यह थी कि यह भाजपा व कांग्रेस के बागियों का जमावड़ा होगा। लेकिन पंजाब में जीत से पहले ही आम आदमी पार्टी ने पूर्व पुलिस महानिदेशक आइडी भंडारी को पार्टी में शामिल करा लिया। उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष भी बना लिया गया। इसके अलावा पार्टी पूर्व कांग्रेस नेता मेजर विजय सिंह मनकोटिया से लेकर जयराम सरकार में मंत्री रहे अनिल शर्मा तक से संपर्क में रहने की कोशिश करते रहे। लेकिन अभी तक वह पार्टी में किसी बड़े व भरोसेमंद नेता को शामिल कराने में कामयाब नहीं रही है।
जबकि पंजाब में मिली जीत के बाद पार्टी को उम्मीद थी कि प्रदेश की जनता उसे हाथों हाथ उठा लेगी। लेकिन अभी तक इस तरह के कोई संकेत नहीं मिले हैं। जनता की ओर से उम्मीद के मुताबिक रूझान न मिलने की वजह से मंडी में अरविंद केजरीवाल के होने वाले रोड शो के लिए अब मंडी और उसके आसपास के क्षेत्रों से भीड़ जुटाई जा रही है। मंडी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनके सबसे ताकतवर मंत्री महेंद्र सिंह का गृह जिला व वहां पर भाजपा उप चुनावों में लोकसभा का चुनाव हार चुकी है। ऐसे में कांग्रेस का यहां पलड़ा भारी रहा है। लेकिन आम आदमी पार्टी के आने से भाजपा व कांग्रेस दोनों में बैचेनी बढ़ी हुई है।
दोनों ही दलों में यहां घमासान भी मचा हुआ है। कांग्रेस पार्टी में सुखराम परिवार व हालीलाज कांग्रेस में तलवारें खिंची ही हुई हैं। यह स्थिति मंडी ही नहीं प्रदेश भर में है। भाजपा की स्थिति भी इसी की तरह है।