अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने के बाद कई बड़े घटनाक्रम देखने को मिले हैं। वाराणसी के ज्ञानवापी ढांचे में जहां हिंदुओं को पूजा का अधिकार दिया गया है, वहीं बागपत में महाभारत काल के लाक्षागृह को लेकर छिड़े विवाद पर भी कोर्ट का अहम फैसला आया है। इन सबके बीच अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाभारत काल का जिक्र करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने हिंदू समाज के तीन प्रमुख स्थानों यानी काशी, मथुरा और अयोध्या को लेकरआक्रामक बात कही है और पांडवों के 5 गांव की मांग से तुलना कर डाली है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी की फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ ने राज्य के बजट सत्र के दौरान अपने संबोधन में कहा कि पांडवों ने कौरवों से केवल 5 गांव मांगे थे लेकिन दुर्योधन वह भी नहीं दे सका था। सीएम योगी ने कहा कि दुर्योधन ने सुई की नोक के बराबर जमीन नहीं देने की बात कही थी। इसके चलते ही महाभारत का युद्ध हुआ था। योगी ने उस घटना का उल्लेख वर्तमान में हिंदू पक्षकारों की तीन मांगों से कर दिया है। सीएम योगी ने कहा कि पांडवों की भी 5 गांव की मांग थी, जबकि हिदू समाज केवल तीन की ही मांग कर रहा है।

सीएम योगी का पूरा भाषण राममंदिर में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के आस-पास ही सिमटा हुआ था। योगी ने कहा कि अयोध्या में जो कुछ भी हुआ, वह पहले भी हो सकता था, कुछ लोगों ने निहित स्वार्थों की वजह से अयोध्या को युद्ध भूमि में बदल दिया था। उन्होंने कहा कि साल 2017 से पहले यूपी के लोगों को हीन भावना से देखा जाता था। उन्हें होटलों में जगह नहीं मिलती थी लेकिन अब यह सारी स्थिति बदल चुकी है।

सर्वानुमति से बना राम मंदिर

सीएम योगी ने कहा कि 22 जनवरी 2024 की घटना को पूरी दुनिया ने देखा है और देश अभिभूत था, पूरी दुनिया में न्याय के पक्षधर व्यक्ति गौरवान्वित थे। हर धर्मावलंबी की आंखों में खुशी के आंसू थे। सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में जो कुछ भी हुआ उससे हर किसी का मन खुश था क्योंकि 500 बरसों के इंतजार के बाद सर्वानुमनति के साथ उसके समाधान का रास्ता निकला और भव्य राम मंदिर बन गया।

अखिलेश पर योगी का तंज

सीएम योगी ने कहा कि हम काशी तो गए ही, नोएडा और बिजनौर भी गए। योगी ने कहा कि मैं अयोध्या काशी गया, क्योंकि हमारी आस्था थी। इस दौरान एक बार फिर योगी आदित्यनाथ ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर हमला बोला और कहा कि राज्यपाल ने अपने भाषण की शुरुआत राम के नाम से की थी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने ऐसा कुछ नहीं किया, क्योंकि उन्हें वोट बैंक की चिंता है, जो कि खतरनाक ही साबित होती रही है।