ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले छह महीने में कोई काम नहीं किया। केंद्रीय मंत्री पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज होने की कोशिश में बंगाल के दौरे पर रहे। यहां विकास करने की उनकी कोई नियत नहीं थी। तीसरी बार बंगाल की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को विधानसभा में केंद्र सरकार पर जम कर हमला बोला।
ममता बनर्जी ने कहा कि देश में कोविड-19 संकट केंद्र के पिछले छह महीनों में कोई काम न करने का नतीजा है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री और नेता बंगाल पर कब्जा करने के इरादे से रोज राज्य में आ रहे थे। उन्होंने कहा कि बंगाल में दोहरे-इंजन वाली सरकार बनाने के लिए उन्होंने भारत को बर्बादी की कगार पर धकेल दिया। सांप्रदायिक उकसावे वाली गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा चुनाव जीतने में नाकाम रहने के बाद हिंसा भड़का रही थी। उन्होंने दावा किया कि अब वे (भाजपा) जनादेश को स्वीकार नहीं कर सकते और फर्जी वीडियो पोस्ट करके हिंसा भड़का रहे हैं।
उन्होंने प्रशासन को हिंसा और सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बनर्जी ने कहा कि केंद्रीय बलों के कर्मी आरटी-पीसीआर कोविड-19 जांच कराए बिना चुनावों के दौरान राज्य में तैनात थे, जिससे संक्रमण फैला।
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए 30 हजार करोड़ रुपए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक टीकाकरण कार्यक्रम होना चाहिए। सभी का टीकाकरण ही केंद्र सरकार की प्राथमिकता होना चाहिए था, लेकिन वह नए संसद भवन, प्रधानमंत्री के आवास आदि पर 50,000 करोड़ रुपए खर्च कर रही हैं।
ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग में सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, मैं चुनौती दे सकती हूं कि अगर चुनाव आयोग ने सीधे-सीधे उनकी मदद न की होती तो वे (भाजपा) 30 सीटें भी नहीं जीत पाते। इस चुनाव में निर्वाचन आयोग के सामने कुछ स्थानों पर धांधली हुई।

