स्मार्ट सिटी की डगर की ओर अग्रसर फरीदाबाद में चौतरफा गंदगी का साम्राज्य है। जिले के आला प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारियों की आॅफिसर कॉलोनी तो कूड़ा डंप करने का ठिकाना बन गई है। जब यह आलम आॅफिसर कॉलोनी का है तो स्लम बस्तियों, कॉलोनियों और सेक्टरों में फैले गंदगी के ढेरों का अंदाजा लगाया जा सकता है। नगर निगम अधिकारी जब जिले के आला अफसरों की नहीं सुन रहे तो आम जनता के धरने-प्रदर्शनों का क्या असर होना है।
कल-कारखाना नगरी फरीदाबाद की आॅफिसर कॉलोनी शहर के पॉश सेक्टर 15 ए में बेहद सुनियोजित ढंग से बनाई गई है। इस कॉलोनी में जिला उपायुक्त, संयुक्त पुलिस,आयुक्त, सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम, न्यायिक अधिकारी समेत चार जज रहते हैं। इनके अलावा कॉलोनी में तीन तहसीलदार, ट्रेजरी अफसर, ईटीओ, आरटीओ, पत्रकारए डीएलसी( डिप्टी लेबर कमिश्नर) और प्रोफेसर रहते हैं। कॉलोनी के दक्षिण हिस्से में लघु सचिवालय के कर्मचारियों के फ्लैट बने हुए हैं। कॉलोनी से अजरौंदा गांव सटा हुआ है। गांव और कॉलोनी के बीच बनी दीवार खड़ी कम रहती है टूटी और गिरी हुई ज्यादा रहती है।
दीवार के पास गांव की तरफ से गंदगी फैंकी जा रही है। वहीं पर गांव के पालतू पशु भैंस और गाय का ठिकाना है। आमतौर से इनका गोबर भी आॅफिसर कॉलोनी की तरफ डाला जा रहा है। आलम यह है कि अजरौंदा गांव का कूड़ा-करकट आॅफिसर कॉलोनी में बीते दो साल से डाला जा रहा है। इसके चलते यहां रहने वाले अधिकारी और उनके परिजन सुबह शाम घर से बहार भी नहीं निकलते। हालांकि अब तो इस कॉलोनी में रहने वाले अधिकारी और जज पशुओं के गोबर और मूत्र की दुर्गंध सहने के आदी हो गए हैं। बीते दो साल से पूरे हरियाणा का तो नहीं पता पर स्मार्ट सिटी की डगर पर अग्रसर फरीदाबाद को चौतरफा गंदगी ने जकड़ लिया है।
प्रोफेसर एसपी फौगाट ने चिंता जताते हुए कहा कि हरियाणा अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है पर विकास की बात तो दूर यहां ढंग से साफ-सफाई भी नहीं की जा रही। कहना है कि दो अक्तूबर 2015 को जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाथ में झाडू उठाकर स्वच्छ भारत अभियान के लिए सड़कों पर उतरे थे तबसे ही सफाई कर्मचारियों ने अपने झाडू खूंठी पर टांग दिए। सफाई कर्मचारी संगठनों के प्रधान नरेश शास्त्री का कहना है कि जब प्रधानमंत्री झाडू लगाने पर उतर आए तो वे क्या करेंगे।