दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर सीबीआइ पर डीडीसीए से जुड़ी उस फाइल की जांच करने का आरोप लगाया है, जिससे केंद्रीय वित्त मंत्री का नाम जुड़ा है। हालांकि जेटली ने मंगलवार को इन आरोपों को बकवास बताया था।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी बुधवार को सीबीआइ पर अपने केंद्रीय आकाओं के हाथों में खेलनें के सीधे आरोप लगाए। उधर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीबीआइ ने दिन भर की छापेमारी के दौरान ‘कैबिनेट निर्णय’ से संबंधित फाइलों को जब्त किया।
केजरीवाल ने कहा कि डीडीसीए से जुड़ी एक फाइल की जांच की गई। उधर दिल्ली सरकार के दावों से जांच एजंसी और केंद्र ने इनकार किया है। इस बीच सीबीआइ ने बुधवार को भी प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार से पूछताछ की। इस बीच केजरीवाल के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की अगुवाई करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने कहा है कि अरविंद को नियुक्ति के पहले कुमार के अतीत की जांच करनी चाहिए थी।
मंगलवार को राजेंद्र कुमार पर सीबीआइ छापे के बाद गरमाए माहौल के बीच बुधवार को केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय जांच ब्यूरो पर नए आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधान सचिव के खिलाफ एजंसी की जांच से ‘असंबद्ध’ फाइलों को जब्त किया गया। मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ भी हमले करते हुए कहा कि उन्होंने यह कहकर संसद को गुमराह किया कि सीबीआइ ने मुख्यमंत्री कार्यालय पर छापेमारी नहीं की।
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, कि सीबीआइ उनके कार्यालय में डीडीसीए की फाइल पढ़ती रही। वे इसे जब्त कर सकते थे। लेकिन उनकी प्रेस कांफ्रेस के बाद वे उसे छोड़ गए। केजरीवाल ने कहा कि यह साफ नहीं है कि वे इसकी प्रति ले गए या नहीं। उनके कार्यालय से दस्तावेज जब्त किए गए। जिस मामले की जांच हो रही है यह उन आरोपों से जुड़ा हुआ नहीं है।
सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेस में हैरानी जताई कि सीबीआइ ने नवंबर-दिसंबर के फाइल मूवमेंट रजिस्टर और परिवहन विभाग की तीन फाइलों को कथित तौर पर जब्त क्यों किया। सिसोदिया ने कहा कि क्या जुड़ाव है? सीबीआइ ने डीडीसीए की फाइल की भी जांच की। वे इसे भी जब्त करने की योजना में थे लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से मुद्दे को उठाने के बाद ऐसा नहीं किया गया।
केजरीवाल ने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि डीडीसीए के कामकाज की दिल्ली सरकार की जांच को लेकर भी जेटली चिंतित हैं। जेटली ने मंगलवार को अपने खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया था। केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय पर कल दिन भर की छापेमारी के दौरान सीबीआइ द्वारा साथ ले जाई गई फाइलों की सूची का चित्र भी अपलोड किया।
सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआइ ने एक कार्यालय पर छापेमारी की जहां मुख्यमंत्री की फाइलें और हलफनामे रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि गलत तथ्यों से संसद को गुमराह किया जा रहा है। केजरीवाल के सबसे विश्वस्त सहयोगी सिसोदिया ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री के कार्यालय पर छापेमारी की गई तो वह उनके कार्यालय पर छापेमारी है। कोई यह नहीं कह सकता कि लिपिक के दफ्तर पर छापेमारी हुई और मुख्यमंत्री के दफ्तर पर नहीं हुई। सिसोदिया ने कहा कि सत्तारूढ़ आप जांच से भयभीत नहीं है। लेकिन चाहती है कि सीबीआइ ‘स्वतंत्र’ बने, ऐसी नहीं कि जो केंद्र की गुलाम है और उसके निर्देशों के मुताबिक काम करती है। उन्होंने पूछा कि केंद्र में जिस भी पार्टी की सरकार बनती है, अगर वह विरोधियों के खिलाफ सीबीआइ का इस्तेमाल करती रहेगी तो वह स्वतंत्र कैसे बन सकती है।
उधर सीबीआइ ने अपनी कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा कि सभी जब्त फाइलों की सूची अदालत के समक्ष रखी जाएगी जबकि एजंसी ने भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल के प्रधान सचिव से पूछताछ जारी रखी है। सिसोदया ने मीडिया के उन सवालों का जवाब नहीं दिया, जिसमें उनसे ट्रांसप्रेंसी इंटरनेशनल इंडिया की ओर से करीब सात माह पहले केजरीवाल सरकार को राजेंद्र कुमार पर लगाए गए आरोपों का एक पुुलिंदा सौंपा गया था। इस सवाल का जवाब देने के बजाय सिसोदया प्रेस कांफ्रेंस छोड़कर चले गए।
इस बीच आलोचनाओं की जद में आई सीबीआइ ने अपनी कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा कि सभी जब्त फाइलों की सूची अदालत को सौंपी जाएगी। एजंसी ने भ्रष्टाचार मामले में उनके प्रधान सचिव से बुधवार को फिर पूछताछ की। एजंसी की प्रवक्ता देवप्रीत सिंह ने कहा, सीबीआई ने सभी 14 जगहों पर छापेमारी के दौरान कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में बरामदगी की। छापेमारी सह जब्ती के ब्योरे को सक्षम अदालत के समक्ष रखा जाएगा।
एजंसी के सूत्रों ने दावा किया कि उसने 1989 बैच के आइएएस अधिकारी कुमार से कुछ दस्तावेज बरामद किए जो उनके करीब 28 लाख रुपए के बैंक खातों से जुड़े हुए हैं। कुमार पर एक निजी कंपनी को सरकारी ठेके दिलाने में कथित तौर पर पक्षपात करने के आरोप हैं।
कुमार बुधवार सुबह नौ बजकर 40 मिनट पर सीबीआइ भवन पूछताछ के सिलसिले में पहुंचे। उनके और छह अन्य के खिलाफ सीबीआइ ने 14 दिसंबर को मामला दर्ज किया था। इससे पहले सीबीआइ ने कुमार से बीती रात करीब सात घंटे तक पूछताछ की थी।