Lok Sabha Elections: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को पीलीभीत में सपा प्रत्याशी भगवत शरण गंगवार के समर्थन में जनसभा की। इस दौरान सपा प्रमुख ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। सपा चीफ ने मोदी सरकार की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब से यह दिल्ली वाले आए हैं, तब से महंगाई बढ़ती जा रही है।
अखिलेश ने कहा कि पेट्रोल-डीजल यहां तक की आम आदमी की जरूरत की चीजों को भी सरकार ने महंगा कर दिया। सपा प्रमुख ने कहा कि 2014 से 2024 तक महंगाई का हिसाब लगाएं, आपको पता चल जाएगा कि महंगाई किस गति से बढ़ी है। यह सरकार महंगाई नहीं रोक रही है और जब महंगाई रोकनी थी तो बीजेपी ने चंदा वसूलने का काम किया।
इलेक्टोरल बॉन्ड से वसूली कर रही बीजेपी- अखिलेश यादव
सपा प्रमुख ने कहा कि बीजेपी दावा करती है कि भ्रष्टाचारी बचेंगे नहीं, लेकिन बीजेपी खुद भ्रष्टाचार को बढ़ाने का काम कर रही है। अखिलेश ने कहा कि दिल्ली वालों ने नया तरीका निकाला है। वो इलेक्टोरल बॉन्ड है। उन्होंने पूछा कि इलेक्टोरल बॉन्ड से वसूली हो रही है कि नहीं हो रही है। ऐसी वसूली तो दुनिया में नहीं होगी। अखिलेश ने कहा कि जिस कंपनी का कोई कारोबार और मुनाफा नहीं है, उस कंपनी से सरकार ने पैसा वसूला है।
अखिलेश ने कहा कि सभी लोग जानते हैं कि चंदे में क्या दिया है। क्या चंदे में पांच सौ और एक हजार करोड़ रुपये दिए जाते हैं। सपा प्रमुख ने कहा कि यह सरकार ऐसी है, जिसने बड़े-बड़े उद्योगपतियों को ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स से डराकर के इन्होंने पैसा वसूलने का काम किया है। सपा चीफ ने कहा कि ऐसी वसूली पूरे देश ने नहीं देखी होगी, जैसी इस सरकार में हुई है।
सपा प्रमुख ने कहा कि यह वही बीजेपी के लोग हैं, जिन्होंने कहा था कि नोटबंदी के बाद कोई भ्रष्टाचार नहीं होगा। कोई कालाधन नहीं कमा पाएगा। अखिलेश ने पूछा इलेक्टोरल बॉन्ड काले को सफेद करने वाला इंतजाम हुआ है कि नहीं। बीजेपी ने काले को सफेद कर लिया। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने कालेधन को सफेद नोटबंदी में भी किया और इलेक्टोरल बॉन्ड से भी किया।
अखिलेश ने कहा कि इस सरकार ने जितना पैसा वसूला है, उसी वजह से महंगाई है। सपा चीफ ने कहा कि जरा सोचिए जिन उद्योगपतियों से यह पैसा लेंगे, क्या वो मुनाफा नहीं कमाएंगे। क्योंकि वो मुनाफा कमा रहे हैं, जिसकी वजह से महंगाई बढ़ी है। भ्रष्टाचार है इसीलिए महंगाई है। सपा प्रमुख ने कहा कि इन सब चीजों के लिए दोषी सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं।
सपा चीफ ने कहा कि यह वो उत्तर प्रदेश है, जिन्होंने उनकी सरकार बनवाई। 14 में आए थे, 24 में चले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के लोग जितना अच्छा स्वागत करते हैं तो विदाई भी धूमधाम से करते हैं।
अखिलेश ने जितिन प्रसाद पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि कोई नया प्रत्याशी आया है। वो कह रहे हैं कि हमें पहले पता होता कि यहां से चुनाव लड़ना है तो पीलीभीत को बंबई बना देता। हम कहते हैं कि इसे बंबई मत बनाओ, बंबई अर्थव्यवस्था की राजधानी है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार कहती है कि अगर उन्होंने (चीन ने) हमारे गांवों का नाम बदला है तो हम चीन का नाम बदल देंगे। चीन के नाम में संशोधन न करें, उनके साथ व्यापार बंद करें।” , तभी हमारा देश आगे दिखेगा…”
ऐसे में आइए जानते हैं पीलीभीत लोकसभा सीट से कौन-कितनी बार जीता।
साल | प्रत्याशी | पार्टी | कुल वोट |
2019 | वरुण गांधी | बीजेपी | 704549 |
2014 | मेनका गांधी | बीजेपी | 546934 |
2009 | वरुण गांधी | बीजेपी | 419539 |
2004 | मेनका गांधी | बीजेपी | 255615 |
1999 | मेनका गांधी | IND | 433421 |
1998 | मेनका गांधी | IND | 390381 |
1996 | मेनका गांधी | JD | 395827 |
1991 | परशुराम | बीजेपी | 146633 |
1989 | मेनका गांधी | JD | 269044 |
1984 | भानू प्रताप सिंह | कांग्रेस | 278803 |
1980 | हरीश कुमार गंगवार | INC(I) | 120916 |
1977 | मो. समशुल हसन खान | BLD | 238691 |
1971 | मोहन स्वरूप | कांग्रेस | 97375 |
बीजेपी का गढ़ रही है पीलीभीत लोकसभा सीट
पीलीभीत लोकसभा सीट की बात करें तो यह सीट भारतीय जनता पार्टी की गढ़ मानी जाती है। इस सीट पर 2004 से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। साल 2004 में इस सीट पर मेनका गांधी ने जीत दर्ज की थी। उसके बाद उनके बेटे वरुण गांधी ने लगातार तीन बार जीत दर्ज की, दो बार तो वे पीलीभीत से चुनाव जीते, वहीं 2014 में उन्होंने सुल्तानपुर से जीत का परचम लहराया।
2019 में वरुण गांधी ने जीती थी सीट
साल 2019 में पीलीभीत से भाजपा ने वरुण गांधी को टिकट दिया था। वरुण गांधी ने इस चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था। वरुण गांधी को 704549 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हेमराज वर्मा को 448922 वोट प्राप्त हुए थे। तीसरे नंबर पर यहां निर्दलीय उम्मीदवार नरेंद्र कुमार गुप्ता रहे थे। गुप्ता को 4442 मतों पर ही संतोष करना पड़ा था।
2014 में यहां से मेनका गांधी बनी थीं सांसद
2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मेनका गांधी ने जीत दर्ज की थी। मेनका गांधी को 52.06 फीसदी वोट मिले थे। दूसरे नंबर रहे सपा के बुद्धसेन वर्मा को 22.83 फीसदी मतों पर संतोष करना पड़ा था। बसपा के अनीस अहमद तीसरे नंबर पर रहे थे, जबकि कांग्रेस चौथे नंबर की पार्टी बनकर रह गई थी। कांग्रेस ने संजय कपूर को चुनावी मैदान में उतारा था। जिन्हें महज 29169 मतों पर ही संतोष करना पड़ा था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पीलीभीत सीट से छह बार लोकसभा सांसद रह चुकी हैं। मेनका गांधी ने 1989 में पहली बार जनता दल के टिकट पर पीलीभीत लोकसभा सीट जीती। उसके बाद 1996 से 2014 के बीच पांच बार इसी सीट से सांसद चुनी गईं। इसमें दो बार निर्दलीय और एक बार बीजेपी प्रत्याशी के रूप में। उन्होंने 2009 में बेटे वरुण गांधी के लिए सीट खाली कर दी और सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा, लेकिन 2014 में वो वापस पीलीभीत लोकसभा पर आईं और चुनाव लड़कर जीत हासिल की। साथ ही छठी बार सांसद भी बनीं। 2019 में एक बार फिर से मेनका गांधी ने वरुण गांधी के साथ सीटों की अदला-बदली की। वरुण गांधी ने पीलीभीत से और मेनका ने सुल्तानपुर से चुनाव लड़ा और दोनों मा-बेटे संसद पहुंचे।
पीलीभीत लोकसभा सीट का जातीय समीकरण
पीलीभीत के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां हिंदू वोटर्स के साथ-साथ 25 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं। 17 लाख से ज्यादा आबादी वाले इस शहर में अनुसूचित जाति की करीब 17 फीसदी आबादी है। पीलीभीत में होने वाले लोकसभा चुनाव में मुस्लिम और दलित वोटर ही उम्मीदवारों के खेल बनाते और बिगाड़ते हैं। इसके अलावा इस सीट पर राजपूत और किसान भी ठीक तादाद में हैं, जो बीजेपी के वोट माने जाते हैं।