यूपी में राज्यसभा चुनाव से पहले पार्टी के छह विधायकों की बगावत से पार्टी सुप्रीमो मायावती बहुत नाराज चल रही हैं। इन बागी विधायकों के समाजवादी पार्टी में शामिल होने की खबरें हैं।
इन बागी विधायकों ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। अब मायावती ने घोषणा की है कि उनका पार्टी आगामी एमएलसी चुनाव में सपा के उम्मीदवार को हराने के लिए भाजपा या किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार को वोट करेगी। मायावती ने कहा कि हम सपा उम्मीदवार को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए चाहे पार्टी के विधायकों को बीजेपी व अन्य किसी भी विरोधी पार्टी के उम्मीदवार को ही अपना वोट क्यों ना देना पड़े।
मायावती ने कहा कि जो भी पार्टी सपा के दूसरे उम्मीदवार को हराने के लिए भारी पड़ेगी तो उसे हम अपने विधायकों का वोट जरूर देंगे। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में 11 विधान परिषद सीटें अगले साल जनवरी में खाली हो रही है। इनमें से 6 सीटों पर समाजवादी पार्टी जबकि दो सीटें पर बसपा के सदस्य हैं। तीन सीटों पर भाजपा के सदस्य हैं।
#WATCH BSP Chief Mayawati says that her party will vote for BJP or any party’s candidate in future UP MLC elections, to defeat Samajwadi Party’s second candidate.
“Any party candidate, who’ll be dominant over SP’s 2nd candidate, will get all BSP MLAs’ vote for sure,” she said. pic.twitter.com/ki4W6ZAwgE
— ANI (@ANI) October 29, 2020
यूपी के मौजूदा विधायकों की संख्या के आधार पर 11 विधान परिषद सीटों में से भाजपा 8 से 9 सीटें जीतने की स्थिति में है। दूसरी तरफ एक सीट पर समाजवादी पार्टी की जीत तय मानी जा रही है। दूसरी सीट से उसे निर्दलीय सहित अन्य दलों के समर्थन की जरूरत होगी। इसी सीट पर हराने के लिए मायावती पूरी तरह अखिलेश की उनकी भाषा में जवाब देने का मन बना चुकी हैं।
इससे पहले बसपा के बागी विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिये पार्टी प्रत्याशी के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर किये गये अपने हस्ताक्षरों को फर्जी बताते हुए पीठासीन अधिकारी को एक शपथपत्र देने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। श्रावस्ती से बसपा विधायक असलम राइनी ने इस बारे में पत्रकारों से बातचीत की।
उन्होंने बताया कि उन्होंने तथा पार्टी विधायकों- असलम चौधरी, मुज्तबा सिद्दीकी और हाकिम लाल बिंद ने रिटर्निंग अफसर को दिये गये शपथपत्र में कहा है कि राज्यसभा चुनाव के लिये बसपा के प्रत्याशी रामजी गौतम के नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर किये गये उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं। इस दौरान उनके साथ विधायक सुषमा पटेल और हरिगोविंद भार्गव भी थे।