कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक गतिरोध जारी है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत लगातार आंदोलन को तेज करने के लिए अलग-अलग राज्यों में महापंचायत कर रहे हैं। हाल ही में टिकैत ने बंगाल का दौरा भी किया। यहां उन्होंने लोगों से अपील की कि वे भाजपा को छोड़कर किसी और विकल्प के लिए वोट दें। टिकैत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार बात नहीं सुनती है तो संगठनों का अगला निशाना संसद होगी।

टिकैत ने कहा, “जिस भी दिन संयुक्त मोर्चा फैसला लेगा, उस दिन संसद के बाहर ही नई मंडी खुल जाएगी।” भाकियू नेता ने दावा किया कि दिल्ली में फिर ट्रैक्टर घुसेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास 3.5 लाख ट्रैक्टर और 25 लाख किसान हैं। अगला लक्ष्य संसद से फसल बेचने का होगा।

टिकैत बोले- पीएम भी बोल चुके हैं फसल मंडी के बाहर बेचने के लिए: राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों के तहत किसान की फसलों को मंडी के बाहर बेचने की अनुमति का हवाला देते हुए कहा, “पीएम मोदी भी कह चुके हैं कि किसान अपनी फसलों को मंडी के बाहर बेच सकते हैं। मुझे लगता है कि संसद में मंडी बेहतरीन होगी। व्यापारी अंदर बैठे, किसान बाहर। खरीदारी पक्का होगी।”

नंदीग्राम में भाजपा को वोट न देने की अपील कर चुके हैं टिकैत: टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार किसानों और उनके आंदोलन की रीढ़ तोड़ने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि यह ‘जन-विरोधी’ सरकार है। भाजपा को वोट मत देना। अगर उन्हें वोट दिया गया तो वे आपकी जमीन बड़े कॉर्पोरेट्स और उद्योगों को दे देंगे और आपको भूमिहीन बना देंगे। वे आपकी आजीविका दांव पर लगाकर देश के बड़े उद्योगपति समूहों को जमीन सौंप देंगे और आपको खतरे में डाल देंगे।’’

टिकैत ने भाजपा को ‘धोखेबाजों की पार्टी’ कहते हुए कहा, ‘‘हम भाजपा का विरोध करने वालों और किसानों तथा गरीबों के साथ खड़े होने वालों के पाले में रहेंगे। हम यहां बंगाल में किसानों की ओर से भाजपा के खिलाफ लड़ाई शुरू करने के लिए अपील कर रहे हैं।’’