BJP’s Taunt on Congress: राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच सुलह होने की खबरों के बीच विपक्षी भाजपा ने बुधवार को कांग्रेस पर तंज कसा। राजस्थान भाजपा के प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने वीडियो बयान जारी करके इसे एक सियासी ब्रेक (Political Break) कहा। उन्होंने कहा कि जनता को कुछ दिनों बाद फिर दोनों नेताओं के एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी (Statements) सुनने को मिलेगी।
कहा- जनता सत्ताधारी कांग्रेस की आंतरिक संघर्ष (Infighting) से त्रस्त
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की आंतरिक संघर्ष (Infighting) से त्रस्त हो चुकी है। वे बोले-“कांग्रेस ने भले ही जनता को पार्टी में सब कुछ ओके होने की बात कही है, लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि यह कुछ समय के लिए एक सियासी ब्रेक है, और राज्य के लोगों को फिर से वही चीजें और ‘नाकारा’, ‘निकम्मा’ और ‘गद्दार’ जैसे शब्दों को सुनने को मिलेंगे।”
गहलोत ने कहा था कि पायलट नहीं बन सकते हैं उनकी जगह CM
पिछले हफ्ते सीएम गहलोत ने समाचार चैनल एनडीटीवी (NDTV) को दिए एक इंटरव्यू में पायलट को ‘गद्दार (Traitor) ‘ बताया था और कहा था कि वे उनकी जगह मुख्यमंत्री नहीं बन सकते हैं। क्योंकि उन्होंने 2020 में कांग्रेस के खिलाफ विद्रोह (Revolt) किया था और राज्य सरकार को गिराने की कोशिश की थी। इसके जवाब में सचिन पायलट ने कहा था कि इस समय एक-दूसरे के खिलाफ कीचड़ उछालना (Mud-Slinging) समस्या का समाधान नहीं है।
राहुल गांधी ने दोनों नेताओं को बताया था पार्टी के लिए Asset
सोमवार (28 नवंबर 2022) को मध्य प्रदेश के इंदौर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट को पार्टी के लिए एसेट (धरोहर) कहा था। उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई अंतर्विरोध नहीं है। इस पर अशोक गहलोत ने मंगलवार (29 नवंबर 2022) को कहा था कि राहुल गांधी के बोलने के बाद अब कुछ कहने की कोई गुंजाइश नहीं बची। कहा कि उनके बोलने के बाद पार्टी में उनके बीच विवाद है ही कहां, बोले कि यह बात विपक्षी दलों में होती है।
पार्टी ने राहुल गांधी के राजस्थान पहुंचने से पहले दोनों नेताओं का विवाद शांत कराने की जिम्मेदारी केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) पर सौंपी थी। मंगलवार शाम गहलोत सचिन के साथ प्रेस के सामने दिखे तो लगा कि राहुल और कांग्रेस की कोशिशें रंग ला रही हैं।