केरल के सबरीमाला मंदिर में बुधवार तड़के दो महिलाओं ने भगवान अयप्पा के दर्शन किए। जिसके चलते केरल में अलग अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। वहीं एक विरोध प्रदर्शन में एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत हो गई। गौरतलब है कि महिलाओं के दर्शन के बाद एक तरफ जहां शुद्धीकरण के लिए मंदिर को बंद कर दिया गया तो वहीं दूसरी ओर गुरुवार को केरल बंद का भी ऐलान किया गया है। गौरतलब है कि मंदिर में दस से पचास साल की महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसके खिलाफ फैसला भी सुनाया था।
क्या है मामला: जानकारी के मुताबिक घटना पठानमथिट्टा जिले के पंडलाम की है जहां हिंसा के दौरान एक भाजपा कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन बुधवार देर रात उसकी मृत्यू हो गई। भाजपा कार्यकर्ता का नाम चंद्रन उन्नीथन बताया जा रहा है। जो संघ परिवार की ओर से समर्थित प्रदर्शन में शामिल था। बता दें कि सबरीमाला एक्शन काउंसिल ने आरोप लगाया है कि इस हमले के पीछे सीपीआई (एम) के कार्यकर्ताओं का हाथ है। सीपीआई (एम) ने प्रदर्शन के दौरान हमला कर दिया जिसमें चंद्रन घायल हो गया। गौरतलब है कि जो काउंसिल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहा है वो एक हिंदू संगठन है।
आज (गुरुवार) का दिन होगा काला दिवस: बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश के लिए इजाजत दे दी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला के हिंदूवादी संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी भी कोर्ट के इस फैसले का विरोध कर रही है और प्रदर्शनकारियों का साथ दे रही है। काउंसिल ने भाजपा कार्यकर्ता की मौत के बाद गुरुवार को काला दिवस मनाने और केरल बंद की बात की है।
हिंसा भरा रहा दिन: भड़के भाजपा कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं ने कई स्थान पर प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने नेताओं को काले झंडे दिखाकर विरोध किया। वहीं प्रदेश की राजधानी में भाजपा कार्यकर्ताओं की भिड़ंत सीपीआई (एम) और पुलिस के साथ भी हुई। करीब 6 घंटे की झड़प में कई लोग घायल हुए। वहीं हिंसा के चलते भाजपा कार्यकर्ताओं ने कई दुकानों को जबरन बंद करवा दिया और साथ ही ट्रैफिक को भी बाधित किया। हिंसा के दौरान राज्य परिवहन बसों को भी नुकसान पहुंचाया गया। गौरतलब है कि प्रदेश की जगहों पर मीडियाकर्मियों पर भी हमला किया गया। इन जगहों में तिरुवंतपुरम सहित कोल्लम और कोच्चि शामिल हैं।
बोर्ड अध्यक्ष ने किया विरोध: महिलाओं के मंदिर में जानें के बाद से ही प्रदेश भर में विरोध शुरू हो गया था। वहीं मंदिर को शुद्धिकरण के लिए बंद किया गया। इस मामले पर त्रावणकरो देवास्वोम बोर्ड के अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने कहा कि हम पुजारी के फैसले से सहमत नहीं है। मंदिर को बंद करने से पहले उन्हें बोर्ड को जानकारी देनी चाहिए थी। लेकिन उन्होंने जानकारी देने की बजाए मुझे फोन किया और कहा कि मंदिर शुद्धिकरण के लिए बंद रहेगा। ये कहकर पुजारी ने फोन काट दिया।
सुबह किया मंदिर में प्रवेश: जानकारी के मुताबिक, दोनों महिलाओं ने मंगलवार आधी रात में मंदिर की चढ़ाई शुरू की थी और वो बुधवार करीब सुबह 3:45 बजे मंदिर में पहुंच गईं। इसके बाद उन्होंने भगवान अय्यपा के दर्शन किए और लौट गईं। महिलाओं का नाम बिंदू और कनकदुर्गा बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ये महिलाएं पुलिस की टुकड़ी के साथ थीं। एएनआई ने इसका एक वीडियो भी जारी किया है। जिसके मुताबिक महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया।
24 दिसंबर- 11 महिलाएं: गौरतलब है कि इससे पहले 24 दिसंबर के आस पास भी सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए तमिलनाडु की 11 महिलाओं के एक समूह को प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने की वजह से यात्रा छोड़नी पड़ी थी।
सुप्रीम कोर्ट दे चुका है फैसला: बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को हर आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने का फैसला दिया था। जिसके बाद से ही सबरीमाला में लगातार इस फैसले का विरोध किया जा रहा है और प्रदर्शन भी जारी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये फैसला धार्मिक परंपरा के खिलाफ है।