पश्चिम बंगाल में अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा के बीच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की होड़ लगी है। तृणमूल के ‘दीदी के बोलो’ (दीदी से कहो) अभियान के जवाब में भाजपा ‘चा चक्रा’ (साथ में एक कप चाय पीते हैं) अभियान शुरू करने जा रही है है। चुनावी राजनीति के रणनीतिकार प्रशांत किशोर के सुझाव पर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने 29 जुलाई को “दीदी को बोलो” नाम से कैंपेन शुरू किया था, जिसका मकसद लोगों का मुख्यमंत्री से सीधा संवाद स्थापित करना और उनकी परेशानियों का निपटारा करना था।
तृणमूल कांग्रेस के अभियान को मात देना मकसदः पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस बात से इनकार किया है कि सितंबर से डिजिटल माध्यम से शुरू होने वाले अभियान का मकसद तृणमूल के अभियान को मात देना है। उनका कहना है कि पार्टी के इस अभियान का लक्ष्य और प्रभावी तरीके से लोगों तक पहुंच बनाना है।
सितंबर से शुरु होगा अभियानः घोष ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ हम लोगों तक पहुंचने में विश्वास रखते हैं। इसलिए इस साल सितंबर से हम यह चा चक्रा (एक साथ एक कप चाय पीते हैं) अभियान शुरू कर रहे हैं। इससे पहले सिर्फ मैं यह करता था और अब अन्य नेता भी करेंगे।’’
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भगवा दल का उड़ाया मजाकः तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने लोगों से बेहतर जुड़ाव के लिए तृणमूल कांग्रेस की नई पहल की नकल करने की कोशिश के लिए भगवा दल का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा, ‘‘ वे हमारी नकल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें यह करने दें। हम परेशान नहीं है, लेकिन यह उन्हें कोई सार्थक परिणाम नहीं देगा, क्योंकि उनके पास ममता बनर्जी जैसा कोई जन नेता नहीं है।’’ बता दें लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘चाय पर चर्चा’ अभियान चलाया था जो जनता के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था।