सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद प्रदेश में हिंसा भड़क गई। जिसमें एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत भी हो गई। एक तरफ जहां भाजपा इस विरोध प्रदर्शन का साथ दे रही है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा सांसद उदित राज ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री का स्वागत किया। गौरतलब है कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन करने वाले उदित राज पहले भाजपा सांसद हैं।

क्या बोले उदित राज: बता दें कि बुधवार सुबह करीब 3.45 पर दो महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया था। ऐसे में प्रदेश में हिंसा बढ़ गई तो वहीं दूसरी ओर भाजपा सांसद उदित राज ने इस पहल का स्वागत किया और कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि उन्होंने मंदिर में प्रवेश किया। इससे पहले सती और दहेज जैसी प्रथाएं भी थीं, क्या हमें उन्हें भी बरकरार रखना चाहिए। हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि पुरुष भी महिलाओं की कोख से ही जन्म लेते हैं। और अगर महिलाएं शुद्ध नहीं है तो पुरुष कैसे हो सकते हैं। इसके साथ ही उदित ने कहा कि वो चाहते हैं कि मंदिर में सभी महिलाएं एक साथ प्रवेश करें चाहें फिर वो अनुसूचित जाति हो या अनुसूचित जनजाति की। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी खुलकर समर्थन किया।

महिलाओं से दूर रहना है मुश्किल: उदित ने ये भी कहा कि भगवान के लिए महिलाएं और पुरुष दोनों ही एक समान हैं। भगवान किसी एक खास जगह नहीं रहते हैं। वो हर जगह हैं और वैसे ही महिलाएं हैं। इसलिए भगवान का महिलाओं से दूर रहना नामुमकिन है। उनके लिए सभी बराबर हैं।

आज (गुरुवार) का दिन होगा काला दिवस: बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश के लिए इजाजत दे दी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला के हिंदूवादी संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी भी कोर्ट के इस फैसले का विरोध कर रही है और प्रदर्शनकारियों का साथ दे रही है। काउंसिल ने भाजपा कार्यकर्ता की मौत के बाद गुरुवार को काला दिवस मनाने और केरल बंद की बात की है।

सुबह किया था मंदिर में प्रवेश: जानकारी के मुताबिक, दोनों महिलाओं ने मंगलवार आधी रात में मंदिर की चढ़ाई शुरू की थी और वो बुधवार करीब सुबह 3:45 बजे मंदिर में पहुंच गईं। इसके बाद उन्होंने भगवान अय्यपा के दर्शन किए और लौट गईं। महिलाओं का नाम बिंदू और कनकदुर्गा बताया जा रहा है। एएनआई ने इसका एक वीडियो भी जारी किया है। जिसके मुताबिक महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया।

24 दिसंबर- 11 महिलाएं: गौरतलब है कि इससे पहले 24 दिसंबर के आस पास भी सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए तमिलनाडु की 11 महिलाओं के एक समूह को प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने की वजह से यात्रा छोड़नी पड़ी थी।

सुप्रीम कोर्ट दे चुका है फैसला: बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को हर आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने का फैसला दिया था। जिसके बाद से ही सबरीमाला में लगातार इस फैसले का विरोध किया जा रहा है और प्रदर्शन भी जारी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये फैसला धार्मिक परंपरा के खिलाफ है।