पश्चिम बंगाल में पिछले विधानसभा चुनाव में टीएमसी के भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौटने पर कई नेता वापस उसमें शामिल हो गए थे। भाजपा की सीटें भी वहां बढ़ी थीं, लेकिन सत्ता से वंचित रह गई। अब सरकार नहीं बना पाने पर भाजपा के अंदर ही मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा त्रिपुरा और मेघालय के पूर्व राज्यपाल तथागत राय ने एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा के कई ग्राउंड लेवल के कार्यकर्ता टीएमसी के लिए कार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें इसके लिए 13 हजार रुपए मिल रहे हैं। ये पैसे राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम दे रही है।

उन्होंने ट्वीट करके कहा कि “एक बीजेपी समर्थक ने उन्हें यह बताया है कि उसके पड़ोस के एक गांव के एक शिक्षित युवा को पीके की टीम ने बुलाया और कहा कि बीजेपी ज्वाइन करके टीएमसी के लिए काम करो। हर महीने 13 हजार रुपए मिलेंगे।” यह आरोप वे प्रशंसा पाने के लिए नहीं लगा रहे हैं, बल्कि चाहते हैं कि पार्टी इसको संज्ञान में ले और इसकी सत्यता पता कर कार्रवाई करे।

हालांकि उनके आरोप पर राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष जॉय प्रकाश मजूमदार ने कहा, “वह ऊर्जा को नष्ट करने वाले व्यक्ति हैं। वे जो कहते हैं वह कोई महत्व नहीं रखता है। उन्हें नियमित रूप से ट्वीट भेजने की कला में ही महारत हासिल है। पार्टी उनकी बातों पर ध्यान नहीं देती है। उनके दावों का कोई आधार नहीं है। यह बयान और कुछ नहीं बल्कि भाजपा के निचले स्तर के कार्यकर्ताओं की लड़ाई और बलिदान का अपमान है।”

रॉय ने ट्वीट करके कहा, “पार्टी के कुछ शीर्ष नेता अय्याशी और धन में इतने अधिक लिप्त हैं कि इसके बारे में पार्टी को सचेत करना जरूरी हो गया था। पार्टी को इनके खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि “भाजपा के शुभचिंतक कहते हैं कि ऐसी शिकायतें पार्टी के भीतर की जानी चाहिए, सार्वजनिक रूप से नहीं। मैं विनम्रता से कहता हूं कि समय बीत चुका है। भाजपा जो चाहे कर सकती है, लेकिन अगर वे अपने व्यवहार में आमूल-चूल सुधार नहीं करते हैं, तो पश्चिम बंगाल में पार्टी का विलुप्त होना तय है।”