पश्चिम बंगाल विधानसभा में कथित तौर पर अव्यवस्था फैलाने और अनुचित व्यवहार के लिए विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) और अग्निमित्रा पॉल (Agnimitra Paul) समेत छह बीजेपी विधायकों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सोवन्देब चट्टोपाध्याय (Sovandeb Chattopadhyay) ने विधानसभा के नियम 348 के तहत एक प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर ने उसे सदन के समक्ष रखा, जो कुछ देर में पारित हो गया। इस नियम के तहत बीजेपी के सभी छह नेताओं को निलंबित किया गया।
विपक्षी नेता ने कहा- बीजेपी महिलाओं के लिए आवाज उठाती रहेगी
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने सदन में संदेशखाली मुद्दा उठाया था। इसके बाद ही उनके निलंबन का प्रस्ताव लाया गया। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बीजेपी महिलाओं के सम्मान के लिए आवाज उठाती रहेगी।
संदेशखाली इलाके में कई दिनों से हिंसा और बवाल का माहौल जारी है
राज्य के उत्तरी 24 परगना जिले के संदेशखाली समेत कई स्थानों पर पिछले कई दिनों से हिंसा और बवाल चल रहा है। सोमवार को प्रशासन ने संदेशखाली में धारा 144 लगा दी। साथ ही पुलिस ने सीपीएम नेता और पूर्व विधायक निरापद सरदार को गिरफ्तार कर लिया। उन पर दंगा करने, उपद्रव के लिए उकसाने और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद सीपीएम कार्यकर्ता और उनके समर्थकों ने थाने के बाहर प्रदर्शन किया और उनको छोड़ने की मांग की।
इससे पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने शनिवार को बीजेपी विधायकों के साथ राजभवन गए और उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में शांति बहाल करने के लिए राज्यपाल सीवी आनंद बोस के हस्तक्षेप की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। जब बीजेपी नेता उनके आधिकारिक आवास पर गये तो बोस राजभवन में नहीं थे। अधिकारियों ने बताया कि वह अभी केरल में हैं। सुवेंदु अधिकारी और बीजेपी विधायकों ने राजभवन के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने राजभवन में ‘संदेशखाली जल रही है’, ‘ममता हंस रही हैं’ जैसे नारे लगाए।
संदेशखाली में धारा 144 के लागू करने के बाद इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। वहां की स्थानीय महिलाओं ने फरार टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए नंदीग्राम विधायक ने कहा, “मैंने अपनी मांगों से उनके सचिव को अवगत कराया है। उन्होंने हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया। अगर 24 घंटे के अंदर शांति बहाल नहीं हुई तो हम राजभवन के सामने धरने पर बैठेंगे जहां कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री के भतीजे धरने पर बैठे थे।’