West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में 22 मार्च 2022 को हुई हिंसा और आगजनी की घटना पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी है। समिति ने पुलिस पर टीएमसी के आदेश पर कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए हिंसा की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
बीजेपी अध्यक्ष ने पांच सदस्यीय पैनल का गठन किया था जिसको बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हुए में हमले की जांच करने कि जिम्मेदारी दी गयी थी। कमेटी ने इस मामले की सीबीआई और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जांच की सिफारिश की है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के इशारों पर पुलिस ने हमला किया था।
सरकार ने किया अधिकारों का दुरुपयोग: कमेटी ने अपनी इस रिपोर्ट में कई सनसनीखेज दावे किए हैं। इस रिपोर्ट में ममता सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में अराजकता की स्थिति है। वहां सत्ता का खुलेआम दुरुपयोग किया गया है। जांच टीम ने दावा किया कि बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन सरकार ने अधिकारों का दुरुपयोग किया और कार्यकर्ताओं की पिटाई की है। साथ ही गलत तरीके से भाजपा कार्यकर्ताओं को अभियान में हिस्सा लेने से रोका गया और हजारों अवैध गिरफ्तारियां की गईं।
राज्य पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच संभव नहीं: रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों ने क्रूरता बरती और हिंसा को अंजाम दिया। जिनमें से कई टीएमसी के गुंडों के साथ गैर पुलिसकर्मी भी शामिल थे। राज्य के पुलिस अधिकारी और तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए पूरी तरह से कानून का उल्लंघन किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच संभव नहीं है, क्योंकि उनकी टीएमसी के साथ मिलीभगत है।
बीजेपी की पांच सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी: जांच टीम ने बताया कि उन्होंने बंगाल में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ लंबी बातचीत के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस द्वारा बल प्रयोग में 750 से अधिक लोग घायल हुए हैं जबकि 550 को मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया है। दरअसल, पश्चिम बंगाल में ‘नबन्ना चलो अभियान’ के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए टीम का गठन किया गया था। पांच सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल, राज्यवर्धन सिंह राठौर, अपराजिता सारंगी, समीर उरांव, सभी सांसद और सुनील जाखड़ शामिल थे।