उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आने वाले उपचुनाव पर मंथन को लेकर आज 11 बजे सभी मंत्रियों की बैठक बुलाई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद मौर्य को आलाकमान के दिल्ली बुलाए जाने के बीच इस बैठक के कई मायने है। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव की योजना को लेकर ही यह बैठक होने जा रही है। CM योगी इस बैठक में सभी मंत्रियों से फीडबैक लेंगे और उपचुनाव को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।

क्या है सियासी मायने?

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर मिली हार के बाद बीजेपी के बीच खींचतान और मंथन जारी है। मंगलवार को जब केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली पहुंचे तो चर्चा और तेज हो गई।

रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की बैठक हुई। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, “आपका दर्द मेरा भी दर्द है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संगठन (भाजपा) सरकार से बड़ा है और सभी मंत्रियों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों को कार्यकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए और उनकी गरिमा का ख्याल रखना चाहिए।

इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी तरह से अलग लाइन खींचते हुए कहा कि ‘अति आत्मविश्वास’ ने चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। हार की जिम्मेदारी किसकी है इस सवाल पर कार्यकर्ता बात करते हुए दिखाई दे जाते है। पार्टी अब लोकसभा चुनाव में हार की कमी और छींटा को उपचुनाव में जीत के साथ पाटने का प्रयास कर रही है। CM योगी ने उपचुनाव के लिए 15 मंत्रियों की टीम बना दी है, जिनके साथ होने जा रही बैठक में सभी सीटों पर ख़ास चर्चा होगी।

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हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 33 सीटें जीतीं, जबकि 2019 में 62 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने छह सीटें जीतीं, जबकि समाजवादी पार्टी ने राज्य में 37 सीटें जीतीं.