चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि वह कोई अपनी पार्टी नहीं बनाने जा रहे हैं। हालांकि, अगर भविष्य में कोई दल बनता है तो वह सबका होगा। पीके ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि वह बिहार की बेहतरी के लिए काम करेंगे।
उन्होंने गुरुवार (पांच मई, 2022) को बिहार की राजधानी पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। अपनी घोषणा का पहला पहलू बताते हुए कहा- अगले तीन से चार माह में 18 हजार लोगों के साथ संवाद स्थापित करेंगे। उनसे चीजें समझेंगे और चर्चा करेंगे। अगर वे सहमत होंगे, तो उन्हें भागीदार बनाएंगे। अगर वे कहेंगे, तो पार्टी बनेगी पर वह पीके की नहीं होगी। वह सबकी पार्टी होगी।
दूसरा पहलू बताते हुए वह बोले- बिहार के लोगों (गांव, गली और मोहल्ले) तक पहुंचना। लोगों की समस्याओं को समझना और आगे की उम्मीदों को समझने का प्रयास करना। दो अक्टूबर से इसके लिए पश्चिमी चंपारण से तीन हजार किमी की पद यात्रा करूंगा। “जन सुराज” (जन स्वराज) की परिकल्पना से जोड़ने का प्रयास करेंगे।
बकौल पीके, “मैं बिहार को आश्वासन देता हूं कि जो कुछ मेरे पास है, वह पूरी तरह से बिहार की बेहतरी के लिए समर्पित कर रहा हूं। इस दौरान किसी को बीच में छोड़ने का सवाल नहीं है।”
इस दौरान प्रशांत किशोर ने बिहार की पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा, “बिहार आज 30 साल के लालू और नीतीश के राज के बाद भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है। विकास के कई मानकों पर बिहार आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है। बिहार अगर आने वाले समय में अग्रणी राज्यों की सूची में आना चाहता है तो इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है।”
किशोर ने बिहार के भविष्य पर बात करते हुए कहा कि “आने वाले 10 से 15 सालों में अगर बिहार में एक बड़ा बदलाव लाना है तो जिन रास्तों पर वह आज चल रहा है उसे वहां पहुंचना मुमकिन नहीं है। इस सभी के लिए एक नए प्रयास और एक नई सोच की जरूरत है। बिहार में वह किस व्यक्ति के पास है। यह अभी कोई नहीं कह सकता है।” आगे उन्होंने कहा कि “बिहार के विकास के लिए प्रत्येक नागरिक को आगे आने की जरूरत है तभी स्थिति में बड़ा बदलाव आएगा।”