बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की बात करने वाले लालू यादव के बड़े सुपुत्र अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर भड़क उठें। हालांकि तेज प्रताप पहली बार जगदानंद सिंह के किसी फैसले से नाराज नहीं हुए हैं। इसके पहले भी तेज प्रताप, जगदानंद सिंह द्वारा लिए गये कई फैसलों को लेकर नाराजगी व्यक्त करते रहें हैं।

क्या है मामला?: दरअसल कुछ दिन पहले पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कार्यालय सचिव चंदेश्वर प्रसाद सिंह को उनके सम्बंधित पद से हटा दिया था। जगदानंद सिंह के इस फैसलों को लेकर तेज प्रताप यादव ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से नाराजगी जताई। अपने पोस्ट में तेज प्रताप ने चंदेश्वर सिंह की तारीफ की तो वहीं जगदानंद सिंह को उन्होंने तानाशाह बताया।

तेजप्रताप यादव ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि, “28 वर्षों तक पार्टी को अपना सबकुछ देने वाले चंदेश्वर जी को चाचा जगदानंद सिंह ने बिना किसी कारण पार्टी से बाहर निकाल दिया। बचपन से ही मैं चंदेश्वर जी को देखता आ रहा हुं। पिताजी और पार्टी के प्रति उनका प्रेम निस्वार्थ रहा। कभी उन्होंने किसी पद के लिए लालसा नही दिखाई।”

तेजप्रताप ने आगे जगदानंद सिंह को तानाशाह बताते हुए लिखा कि, “पार्टी के साथ 28 वर्षो से बुरे से बुरे वक़्त में भी खड़े रहे और आज जब उनकी भीगी आंखों में समाए अपमान की पीड़ा की गहराई को देखा तो दिल को बहुत तकलीफ हुई। किस तरह से तानाशाही का शिकार पार्टी के सबसे वफादार कार्यकर्ता को बिना किसी गलती के एक झटके में बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। लेकिन मैं याद दिला दूं की मैं और मेरे पिताजी हर वक़्त इन (चंदेश्वर सिंह) जैसे निस्वार्थ भाव से पार्टी को अपना खून पसीना देने वाले कार्यकर्ताओ के साथ खड़े है और हमेशा खड़े रहेंगे।”

इसके पहले अगस्त 2021 में तेज प्रताप आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर भड़क गए थे और उनके एक फैसले को संविधान के खिलाफ बता दिया था। दरअसल जगदानंद सिंह ने तेजप्रताप के करीबी और आरजेडी छात्र परिषद के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव को उनके पद से हटा दिया था। तेज प्रताप ने इस फैसले पर कहा था कि ये जो हुआ है ये आरजेडी के संविधान के खिलाफ है।