बिहार में दशक भर से ज्यादा अरसे तक राज करने वाले लालू प्रसाद यादव अपनी कामयाबी की सबसे बड़ी वजह एक खास समीकरण को मानते थे। वो M-Y समीकरण के सहारे अपनी पार्टी को सत्ता के पायदान तक पहुंचाते रहे। यानि मुस्लिम और यादव वोट बैंक। नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के विस्तार को देखा जाए तो लगता है कि तेजस्वी ने लालू के फार्मूले को अपनाया।
नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल विस्तार में 31 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राजभवन के राजेंद्र मंडपम में राजद के 16 जदयू के 11, कांग्रेस के 2, जीतनराम मांझी की पार्टी HAM (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ) के 1 नेता के साथ एक निर्दलीय विधायक को शपथ दिलाई गई। राजभवन के राजेंद्र मंडपम में राज्यपाल फागू चौहान ने 31 मंत्रियों को शपथ दिलाई। राजद के खेमे को देखा जाए को विस्तार में लालू यादव की झलक दिखी।
कैबिनेट विस्तार में आरजेडी कोटे से सबसे ज्यादा यादव समुदाय को तरजीह दी गई है। आरजेडी के यादव 6 विधायक मंत्री बने जबकि तेजस्वी यादव पहले से ही डिप्टी सीएम हैं। राजद कोटे से आज 3 मुस्लिम विधायकों ने भी शपथ ली। कैबिनेट को देखें तो 16 मंत्रियों में 9 मंत्री यादव व मुस्लिम हैं यानि 50 फीसदी से भी ज्यादा। राजद ने M-Y समीकरण का पूरा ध्यान रखा है।
बिहार कैबिनेट के विस्तार के तहत राजभवन के राजेंद्र मंडपम में सबसे पहले राजद नेता तेज प्रताप यादव के साथ चार विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद अशोक चौधरी, रामानंद यादव, नीतीश के करीबी श्रवण कुमार के बाहुबली विधायक सुरेंद्र यादव ने शपथ ली। उनके बाद जदयू की शीला मंडल, राजद के समीर महासेठ, चंद्रशेखर और निर्दलीय समीर सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान राजद के नेता खासे जोश में देखे गए।
शपथ के बाद तेजस्वी ने कहा कि उनकी पार्टी से मंत्री बने नेता पूरे समर्पण से सीएम नीतीश कुमार की देखरेख में काम करेंगे। बिहार को विकास के पथ पर ले जाने के लिए वो पूरी तरह से समर्पित हैं। उनका लक्ष्य युवाओं को रोजगार देना और समाज के कमजोर तबके का उत्थान करके उन्हें मुख्य धारा में शामिल करना है ।