चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने बिहार की राजनीति में उतरने का ऐलान कर दिया है। प्रशांत किशोर के इस कदम से अन्य राजनीतिक दलों में भी हलचल मची हुई है। प्रशांत किशोर ने राजनीति में उतरने के ऐलान के समय ही कहा कि वह बिहार में 3000 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे और करीब 18000 लोगों से मुलाकात कर उनकी राय जानेंगे। प्रशांत किशोर पिछले कई महीनों से मीडिया में भी छाए हुए हैं।
इसके पहले कांग्रेस और प्रशांत किशोर के बीच बातचीत चल रही थी लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही। इसके बाद प्रशांत किशोर ने सक्रिय राजनीति में आने का ऐलान किया। प्रशांत किशोर समाचार चैनल एबीपी न्यूज़ को इंटरव्यू दे रहे थे, इस दौरान एंकर ने उनसे 2015 के चुनाव को लेकर सवाल पूछ लिया। एंकर ने पीके से पूछा, “2015 में आप लालू-नीतीश को साथ लाए , बिहार में सरकार बनवाई, लेकिन आप फिर उनको धोखा देकर कहीं और चले गए? आप उस समय सरकार में रहते हुए काम कर सकते थे।”
एंकर के सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा, “वर्ष 2015 में नीतीश-लालू कांग्रेस के साथ आए और बिहार में सरकार बनाई। अगर आप 2015 के महागठबंधन का घोषणा पत्र देखेंगे तो वो कोई साधारण घोषणा पत्र नहीं था। बल्कि 40 हजार गांव के लोगों से बात कर सात सूत्रीय एजेंडा था, जिसे जनता ने सुझाया था। आज भी वह कार्य भारत सरकार का साथ लेकर बिहार सरकार द्वारा किया जा रहा है। आज भी सरकार के कई कार्यक्रम उसी पर आधारित है। लेकिन अब कितनी अच्छाई और सच्चाई के साथ उन कार्यों को क्रियान्वित किया गया है, यह तो जनता को तय करना है।”
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “2015 और 2018 में बात अलग थी। 2015 में सरकार बनी और उसके बाद नीतीश कुमार जी ने मुझे एडवाइजर के पद पर नियुक्त किया था। उस समय मैंने जेडीयू ज्वाइन नहीं की थी। मैंने एडवाइजर के काम को छोड़ दिया था क्योंकि मुझे लगा कि मैं यह सब काम नहीं कर सकता और नीतीश जी बिहार में काम कर ही रहे थे। फिर मैंने अपने पुराने काम को ज्वाइन कर लिया।”
प्रशांत किशोर ने जेडीयू ज्वाइन करने के सवाल पर कहा, “2018 में नीतीश जी के पास गया और मैंने उनके दल को ज्वाइन कर लिया। मैंने सरकार को नहीं ज्वाइन किया था। सरकार के काम में उन्हीं लोगों को हस्तक्षेप करना चाहिए जिन्होंने संविधान की शपथ ली है। आप दल में कितने भी बड़े पद पर क्यों ना हो लेकिन आपको सरकार के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, अगर आपने शपथ नहीं ली है। पार्टी ज्वाइन करने की वजह से अगर मेरे ऊपर कोई दोष है तो उससे मैं मुक्त नहीं हूं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आगे कोई रास्ता नहीं है।”