बिहार असेंबली चुनाव के बाद बदले समीकरणों के बीच बीजेपी के नेता गाहे बगाहे नीतीश कुमार को हटाने की बात करने लग पड़े थे लेकिन बोचहां चुनाव उनके मुंह पर तमाचा मारने वाला साबित हुआ है। फिलहाल नीतीश कुमार के लिए मुफीद स्थिति है। वो बीजेपी को करारा जवाब देने की स्थिति में आ गए हैं।
ये सीट पहले NDA के पास थी। लेकिन अब इस पर लालू प्रसाद यादव की राजद का कब्जा हो गया है। खास बात ये है कि बीजेपी प्रत्याशी 36 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव हारी हैं। यानि राजद के प्रत्याशी को वो कभी टक्कर देने की स्थिति में भी नहीं रहीं। अगर बीजेपी पुराने तेवर दिखाती है तो नीतीश के नेता बोचहां की शर्मनाक हार को पेश कर उनका मुंह बंद कर सकते हैं।
ध्यान रहे कि बीजेपी के तमाम नेता नीतीश पर पिछले कुछ समय से खासे मुखर रहे हैं। यहां तक कि नीतीश को हटाने की मांग रोजाना और तेजी से होने लगी थी। जदयू नेताओं को अपने बचाव में तमाम तरह के हथकंडे अपनाने पड़ रहे थे। लेकिन बेचहां की जीत के बाद उनका काम बेहद आसान हो गया। बीजेपी के लिए नीतीश पर हमला अब मुश्किल हो जाएगा।
बीजेपी हमेशा से नीतीश पर हावी नहीं थी। 2015 में नीतीश का कद बीजेपी से कहीं बड़ा था। तब जदयू और भाजपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। इसमें जदयू-राजद-कांग्रेस के महागठबंधन को 126 सीटें मिलीं। इसमें जदयू की 71 और राजद की 80 सीटें थीं। भाजपा को 53 सीटें मिलीं थीं। पर महागठबंधन महज तीन साल में टूट गया और नीतीश ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। लेकिन 2020 चुनाव में वो महज 43 सीटों पर सिमट गए। यहीं से उनके छोटे और बीजेपी के बड़े बनने की कहानी की शुरुआत हो गई।
ये सीट वीआईपी के लिए अहम थी। जीतना जरूरी था लेकिन हार के बाद भी मुकेश सहनी नीतीश की तरह से खुश दिखे। बोचहां सीट पहले बीजेपी के पास थी। विधानसभा चुनाव के लिए वीआईपी से गठबंधन होने पर यह सीट मुकेश सहनी के खाते में चली गई थी। वीआईपी विधायक के निधन से खाली हुई सीट पर बीजेपी ने पहले ही प्रत्याशी उतारने के संकेत दे दिए थे लेकिन मुकेश सहनी नहीं माने और उन्होंने भी इसपर दावेदारी ठोक दी।
बीजेपी ने उन्हें अपने फैसले पर दोबारा विचार करने का सुझाव दिया जिसे उन्होंने दरकिनार कर दिया था। इससे दोनों पार्टियों के बीच तल्खी और ज्यादा बढ़ गई थी। उसके बाद के दौर में वीआईपी में हुई तोड़फोड़ सबके सामने थी। ये बात सहनी को नागवार गुजरी। अब बीजेपी हारी तो नीतीश की तरह वो भी खुश हैं।