Chirag Paswan On Nitish kumar: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और सांसद चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। चिराग पासवान ने रविवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी गुट का नेतृत्व करने का काम सौंपा गया था, लेकिन अब उनकी भूमिका कम कर दी गई है। चिराग पासवान बीते महीने ही एनडीए में शामिल हुए हैं।

जमुई से लोकसभा सांसद ने नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहा कि अन्य विपक्षी नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं, लेकिन इस ग्रैंड अलायंस के नेता अब बैकबेंचर बन कर रह गए हैं। चिराग पासवान का यह बयान राहुल गांधी और राजद प्रमुख लालू यादव की दिल्ली में डिनर पर मुलाकात के कुछ दिनों बाद आया है।

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद राहुल गांधी दिल्ली में राजद सांसद मीसा भारती के घर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लालू यादव से मिलने गए थे। हालांकि, नीतीश कुमार इस बैठक का हिस्सा नहीं थे। इस बैठक को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि ये मीटिंग विपक्षी गठबंधन इंडिया की इस महीने के अंत में मुंबई में होने वाली बैठक से पहले हुई है।

चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार को सभी विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाने और एकजुटता बनाने की भूमिका दी गई थी, लेकिन अब वह तीसरी या चौथी पंक्ति में भी नहीं दिखते हैं। इसके अलावा जब वह विपक्ष की बैठक के लिए बेंगलुरु गए, तो उनकी तस्वीर पोस्टर से गायब थी। इसके बजाय नीतीश कुमार पर निशाना साधने वाले पोस्टर शहर में देखे गए थे। उन्होंने आगे कहा कि इन पोस्टरों ने बिहार को शर्मसार कर दिया है। राज्य में नवनिर्मित पुल ढह रहे हैं और नीतीश कुमार के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति जर्जर है।

बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर चिराग पासवान ने कहा कि हाजीपुर सीट मेरी कर्मभूमि है और ये मेरी जिम्मेदारी है। चिराग ने कहा कि बाकी एनडीए तय करेगा। सीट का फैसला गठबंधन के भीतर होगा। फैसला जल्द ही लिया जाएगा। सिर्फ इसलिए कि मेरी चाचा पशुपति कुमार पारस हाजीपुर सीट पर दावा कर रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें वहां से चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।

2021 में चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस ने अन्य चार सांसदों के साथ एलजेपी को तोड़ दिया, और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बन गए। इसके बाद से ही एलजेपी के दोनों गुटों में जुबानी जंग जारी है।

पारस के गुट को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) कहा जाता है। पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान दोनों ने दिवंगत राम विलास पासवान के निर्वाचन क्षेत्र पर दावा किया है, यह सीट वर्षों से एलजेपी संस्थापक राम विलास पासवान की सीट मानी जाती है। 2019 में उनके भाई पारस ने इस सीट से चुनाव लड़ा था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पशुपति पारस और चिराग पासवान को एकजुट होकर लोक जनशक्ति पार्टी के तहत 2024 का चुनाव लड़ने की कोशिश कर रही है।