देश में कोविड के नए संकट से लोगों में चिंता बढ़ने लगी है। रविवार को कर्नाटक में 73 नए केस मिले। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक देश भर में एक्टिव केसों की संख्या भी तेजी से बढ़ने लगी है। ऐसे में ऐहतियात बरतने की लगातार हिदायतें दी जा रही हैं। भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल में बिना मास्क लगाए मरीजों और उनके सहायक को प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। कोरोना के नए स्वरूप जेएन-1 देश में सामने आने पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. उदय नारायण सिंह ने सुरक्षा के लिहाज से यह कदम उठाया है। इनके मुताबिक आरटीपीसीआर जांच भी नियमित रूप से हो रही है।

संक्रमण से बचने के लिए एहतियात बरतना जरूरी

सिविल सर्जन डॉ. अंजना कुमारी ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में संभावित मरीजों को ध्यान में रख इलाज की पूरी तैयारी कर ली गई है। आक्सीजन और दवाओं की कोई कमी नहीं है। जेएलएन मेडिकल कालेज के एसोसिएट प्रो. डॉ. राजकमल चौधरी का कहना है कि पहले जारी सरकारी दिशा निर्देश का सही ढंग से पालन करने पर बीमारी के संक्रमण से बचा जा सकता है। दो गज की दूरी, मास्क और सेनेटाइजर से हाथ धोने का लोगों को पालन करना चाहिए। साथ ही जो लोग टीका नहीं लगवाए है, उन्हें टीका लगवाना चाहिए। यह बचाव का अच्छा उपाय है।

कोविड के नए स्वरूप आने से पेसमेकर का काम रुका

इधर हृदय रोगियों को पेसमेकर लगाने का काम शुरू होने वाला था, जिसे कोरोना की वजह से रोक दिया गया है। भागलपुर मेडिकल कालेज अस्पताल इस इलाके का सबसे बड़ा अस्पताल है। मगर यहां हृदय रोगियों का उचित इलाज नहीं था। हृदय रोगियों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता था। पूरी व्यवस्था के बाद भी कोलकता, दिल्ली, पटना ही जाना पड़ेगा। औषधि विभागाध्यक्ष डॉ. अविलेश कुमार बताते है कि अगले साल पहली जनवरी से पेसमेकर लगाने के लिए तैयारियां मेडिकल कालेज अस्पताल में कर ली गई थी। मगर कोरोना के नए स्वरूप के खतरे की वजह से इसको रोक दिया गया है।

हालांकि कोरोना के अभी कोई मरीज भागलपुर में सामने नहीं आया है। मगर दूसरे स्थानों पर मिले मरीजों की वजह से सतर्कता बरती जा रही है। अधीक्षक ने आईसीयू बेड, दवा, आक्सीजन, दूसरे जरूरी उपकरण के साथ डॉक्टरों की तैनाती का आदेश दिया है। डॉक्टर, नर्स, सफाईकर्मी, मरीज और इनके सहायकों को मास्क पहनना जरूरी किया गया है।