Bihar politics: बिहार के मुख्यमंत्री और JD (U) सुप्रीमो नीतीश कुमार ने हाल ही में घोषणा की कि डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव 2025 के राज्य विधानसभा चुनावों में महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे। जिसके बाद से ही नीतीश कुमार के एक खास CM की तेजस्वी से बढ़ती करीबी से निराश हैं और नयी संभावनाएं तलाश रहे हैं। ऐसा लगता है कि जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पार्टी एमएलसी उपेंद्र कुशवाहा ने अपने विकल्पों पर गौर करना शुरू कर दिया है।
Nitish Kumar की तेजस्वी से बढ़ती करीबी से निराश हुए उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने 2021 में अपनी RLSP का जेडीयू में विलय कर लिया था। वह अक्सर नीतीश के उत्तराधिकारी के रूप में उभरने की कोशिश करते हैं। ऐसे में इस भूमिका में तेजस्वी को खुला समर्थन मिलने से वह नाराज चल रहे हैं। ऐसे में कुशवाहा नए रास्ते खोज रहे हैं भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में अपनी वापसी की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
Upendra Kushwaha को कैबिनेट में मंत्री पद की पेशकश
ऐसे में चर्चा है कि जेडीयू कुशवाहा को नीतीश कैबिनेट में मंत्री पद की पेशकश कर सकता है। हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा को डिप्टी सीएम के पद की पेशकश की भी बात हो रही है। पर आरजेडी अपने जूनियर पार्टनर के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगा जो दो शीर्ष पदों पर कब्जा कर ले। नीतीश ने खुद इस तरह की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा था कि राज्य में दो डिप्टी सीएम नहीं होंगे।
Makar Sankranti समारोह में BJP नेताओं को निमंत्रण
वाहीन, दूसरी ओर उपेंद्र कुशवाहा ने अपने महागठबंधन के सहयोगियों के साथ 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाने के लिए पटना में अपने मिलन समारोह में कुछ भाजपा नेताओं को आमंत्रित किया है। सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हाल ही में उपेंद्र ने एक केंद्रीय भाजपा नेता से मुलाकात कर अपने पूर्व सहयोगी बीजेपी में वापसी का रास्ता खोला है। वह स्पष्ट रूप से जेडीयू में अपने विकास की बहुत गुंजाइश नहीं देखते हैं।
Tejashwi Yadav को भविष्य के सीएम के रूप में प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं
उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में नीतीश और बाद में जद (यू) के वरिष्ठ सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह से मुलाकात की थी। साथ ही उन्हें बताया था कि तेजस्वी को भविष्य के सीएम के रूप में प्रस्तुत करने की कोई जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जेडीयू के कोर वोटर गैर-यादव ओबीसी, कोइरी और कुर्मी कम हो रहे हैं। कुशवाहा ने सीएम को यह समझाने की भी कोशिश की कि शराबबंदी कानून राज्य में जेडीयू के वोटर बेस पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। नीतीश ने उन्हें ध्यान से सुना लेकिन आगे की कार्रवाई का आश्वासन नहीं दिया।