Bihar Politics: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के 22 दिन बाद नीतीश कुमार की कैबिनेट से पहला इस्तीफा हो गया। गन्ना उद्योग मंत्री कार्तिकेय सिंह ने बुधवार (31 अगस्त 2022) को इस्तीफा दिया। बिहार सरकार में कानून मंत्री बनाए जाने के बाद विवादों में रहे कार्तिकेय सिंह ने अपने इस्तीफे को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हम भाजपा को पच नहीं रहे थे।
गुरुवार को कार्तिकेय सिंह ने अपने इस्तीफे पर बात करते हुए कहा कि 15 दिन से हम बीजेपी के लोगों को पच नहीं रहे थे। भूमिहार समाज से आरजेडी (RJD) कोटे में मंत्री होना उनको अच्छा नहीं लग रहा था इसलिए मीडिया ट्रायल करवाया जा रहा था और तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी और दुष्प्रचार ना करे इसलिए इस्तीफा दे दिया। बीजेपी के लोग उनकी पार्टी आरजेडी और नीतीश सरकार को बदनाम कर रहे थे इसलिए उन्हें लगा कि इस्तीफा दे देना चाहिए।
कार्तिकेय सिंह ने कहा कि अपहरण के इस केस से उनका कोई लेना देना नहीं है। उन्हें इसमें फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि इस केस से उनकी सरकार और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की भी छवि खराब हो रही थी इसलिए उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दिया है।
अपहरण के केस से कोई लेना-देना नहीं: कार्तिकेय ने कहा कि बीजेपी मेरी छवि खराब करना चाहते थे। मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। मुझे न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने कहा, “मेरा इतिहास देख लीजिए, मेरे बाबा स्वतंत्रता सेनानी थे। मेरे पिता जी हाई स्कूल टीचर थे। मैं 28 साल तक सरकारी शिक्षक रहा। हम लोग जमीन से जुड़े हुए लोग हैं। मुझे विधायक अनंत सिंह के साथ जोड़कर देखा जाता है। आज तक मेरे ऊपर कोई केस दर्ज नहीं हुआ। 2015 में सिर्फ एक केस में मेरा नाम जोड़ा गया था लेकिन अब मेरा नाम FIR में नहीं है।
कोर्ट ने जारी किया था वारंट: आरजेडी विधायक कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण के पुराने मामले में कोर्ट ने वारंट जारी किया था। जिसे लेकर बीजेपी लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रही थी। जिसके बाद नीतीश कुमार ने बुधवार सुबह कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय वापस लेकर उन्हें गन्ना उद्योग मंत्री बना दिया था लेकिन शाम को कार्तिकेय सिंह ने इस्तीफा दे दिया था।
आरजेडी विधायक कार्तिकेय सिंह के खिलाफ 16 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर वारंट जारी किया गया था। कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज है, जिसे लेकर उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था। वहीं, उन्होंने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया और वह 16 अगस्त को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने पहुंच गए थे।