Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस वक्त अपनों से ही घिरे हुए नजर आ रहे हैं। नीतीश कुमार के खिलाफ उपेंद्र कुशवाहा लगातार मोर्चा खोले हुए हैं। इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी इन दिनों गरीब संपर्क यात्रा पर निकले हुए हैं। माना जा रहा है कि उनकी यह यात्रा नीतीश कुमार की समाधान यात्रा के जवाब में है। मांझी ने रविवार से गरीब संपर्क यात्रा कर रहे हैं, जो उन्होंने नवादा से शुरू की है। उनका कहना है कि वो इस यात्रा से गरीबों का हाल जानेंगे।
जीतन राम मांझी ने अपनी इस यात्रा के दौरान कई बार इशारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव निशाना साधा है, लेकिन इसी बीच मांझी ने अपने बेटे संतोष मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की मांग रखकर महागठबंधन के प्रमुख नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दीं। मांझी की ओर से नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले की आलोचना की जाती रही है। उनका कहना है कि इससे गरीबों का उत्पीड़न होगा।
मांझी ने अपनी यात्रा के दौरान अरवल में कहा कि जब हमारे समाज के लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं होगा तब तक उत्थान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 75 सालों में कई सरकारें आईं, लेकिन हमारे लोग नहीं आए। हमारे लोग नौ महीना के लिए आए, लेकिन वह लोगों को बर्दाश्त नहीं हुआ। मांझी ने कहा कि संतोष पढ़ा-लिखा है, इसीलिए हम संतोष का नाम मुख्यमंत्री के लिए प्रेषित करते हैं।
मांझी ने आगे कहा, संतोष को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। वह नेट है। प्रोफेसर है। सब कुछ है। सिर्फ यही है कि वह भुइयां जाति से आता है, जो दलित है, गरीब तबके के लोग हैं, जिसकी आबादी 90 प्रतिशत है, उसका नेतृत्व नहीं होगा?
बीते बुधवार को मांझी ने जहानाबाद में नीतीश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे और अगले दिन गुरुवार को अरवल में तेजस्वी यादव निशाने पर रहे। उपेंद्र कुशवाहा के बाद जीतन राम मांझी ने ऐसा बयान दिया है, जिससे महागठबंधन में दरार पड़ने के आसार हैं। मांझी ने कहा था कि उनकी यात्रा 26 फरवरी को गया में समाप्त होगी। पिता जीतन राम मांझी के बयान पर उनके बेटे और मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है।मैं मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं हूं।जनता का प्यार-सम्मान पाने के लिए और ऊर्जा के साथ काम करूंगा।