बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने राजधानी नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। जीतनराम मांझी अपनी पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के साथ अमित शाह से मुलाकात करने के लिए पहुंचे। इस मुलाकात से पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि बहुत से मुद्दे हैं, जिनको लेकर गृह मंत्री से मिलना है। इस दौरान जब उनसे नीतीश कुमार की राहुल गांधी से मुलाकात को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उनका अलग मिशन है, बहुत अच्छा मिशन है जिसमें वो बात कर रहे हैं, अच्छे लोगों से मुलाकात हो रही है, अच्छी बात हो रही है।

मुलाकात के बाद क्या बोले मांझी: अमित शाह से जीतन राम मांझी की मुलाकात के बाद अटकलों का बाजार गर्म है। जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोगी हैं। हम पार्टी के मुखिया की गुरुवार दोपहर अमित शाह से मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब नीतीश कुमार राजधानी नई दिल्ली में विपक्षी नेताओं को 2024 के लिए एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।

हालांकि अमित शाह से मुलाकात के बाद जीतनराम मांझी ने किसी भी तरह की अटकलों को खत्म करने की कोशिश की। उन्होंने उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार के साथ रहने की कसम खाई है। उन्होंने बीजेपी के साथ किसी भी संभावना को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि उसने उनके जैसी छोटी पार्टियों के अस्तित्व के खिलाफ बात की है।

बता दें कि दलित समुदाय से आने वाले जीतनराम मांधी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के मुखिया है। उनके बेटे नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजद-जदयू और कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं। अमित शाह से अपनी मुलाकात में जीतनराम मांझी ने दशरथ मांझी भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ देने की मांग की।

अमित शाह से मुलाकात के बाद जीतनराम मांझी किसी भी अटकलों को हवा देने से रोकने के लिए नीतीश कुमार से मिलने के लिए भी गए। बता दें कि जीतनराम मांझी साल 2014 में उस समय सुर्खियों में आए थे जब नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी जगह सीएम चुना था। हालांकि साल 2015 में मांझी ने बगावत करते हुए बीजेपी के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा।