बिहार सरकार की एक वेबसाइट पर इंदिरा गांधी की आलोचना करने वाले एक लेख ने यहां नए विवाद को हवा दे दी है। विपक्षी भाजपा और उसके सहयोगी दलों को सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी दलों जद (एकी) और कांग्रेस को निशाना बनाने का मौका मिल गया है। हालांकि लेख साइट से हटा लिया गया है।
प्रदेश में सत्तारूढ़ जद (एकी)-राजद-कांग्रेस गठबंधन सरकार में शामिल कांगे्रस ने सोमवार को कहा कि वह इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएगी। जद (एकी) ने यह कहकर मामले को हल्का करने का प्रयास किया कि इस समय इस लेख की कोई प्रासंगिकता नहीं है। बिहार के इतिहास का बखान करते इस आलेख में दिवंगत इंदिरा गांधी के शासनकाल को तानाशाहीपूर्ण बताया गया। इसमें कहा गया था कि आपातकाल के दौरान राज्य के सबसे लोकप्रिय नेता जयप्रकाश नारायण के साथ जैसा सुलूक किया गया, वह उससे भी ज्यादा बुरा था, जो महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता संग्राम के दौरान चंपारण में किया गया। मामले के तूल पकड़ने पर सोमवार को इसे वेबसाइट से हटा दिया गया।
बिहार सरकार की इस वेबसाइट पर जेपी के बारे में उनके निधन के साल 1997 तक उनके आधुनिक भारत के इतिहास में योगदान को दर्शाते हुए कहा गया था कि लोकनायक ने इंदिरा गांधी और उनके छोटे बेटे संजय गांधी के तानाशाहीपूर्ण शासन का लगातार और दृढ़ता से विरोध किया था। इससे स्वतंत्र भारत में 70 साल के जेपी के साथ बुरा व्यवहार किया गया, जिन्होंने इंदिरा गांधी के पिता जवाहरलाल नेहरू के साथ देश की आजादी की लड़ाई लड़ी थी।
बिहार जनसंपर्क विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत का कहना है कि इससे उनके विभाग का कोई सरोकार नहीं है। विभाग के निदेशक बिपिन कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की वेबसाइट को एनआइसी अपडेट करती है। कुछ अखबारों में बिहार सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किए गए इस लेख को लेकर खबर छपने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि वह इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे। जद (एकी) के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने इसे महत्त्व नहीं दिए जाने की बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार का कोई बुरा इरादा नहीं है। बदलते हालात में इसका कोई महत्त्व नहीं। इतिहास को मिटाने की कोई बात ही नहीं है।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को प्रदेश सरकार की एक वेबसाइट पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और लोकनायक जयप्रकाश नारायण के बारे में लिखी गई बातों पर कहा कि इसका बिहार सरकार की वेबसाइट पर होने का मतलब है कि इसकी जानकारी राजद प्रमुख लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को है। उन्होंने कहा- हम सभी लोकनायक जयप्रकाश के अनुयायी रहे हैं। हम आपातकाल के दौरान आंदोलन में उनके साथ रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार में कांगे्रस भी सरकार में शामिल है। ऐसे में उसे और इस दल के प्रदेश अध्यक्ष व नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी को स्पष्ट करना चाहिए कि राज्य सरकार की वेबसाइट पर डाली गई इन बातों में कितनी सचाई है? पासवान ने बिहार में जद (एकी)-राजद-कांग्रेस गठबंधन की सरकार को विरोधाभासी सरकार की संज्ञा देते हुए कहा कि एक तरफ राजद और जद (एकी) कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं, वहीं कांग्रेस पर हमला भी कर रहे हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि जेपी के बारे में जो कुछ वर्णित किया गया है, वह ऐतिहासिक तथ्य है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार कांग्रेस के दबाव में ऐतिहासिक तथ्यों में तोड़मरोड़ करती है तो भाजपा उसका कड़ा विरोध करेगी। भाजपा की एक अन्य सहयोगी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चे के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह कुर्सी के लिए अपनी पार्टी की सशक्त नेता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का घंूट पी रही है।