बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। पहले चरण के लिए 17 अक्टूबर नामांकन की आखिरी तारीख है। इस बीच महागठबंधन और एनडीए दोनों ही दलों में सीट शेयरिंग पर फाइनल बातचीत अभी तक नहीं हो पाई है। एनडीए में केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी 15 सीट मांग रहे हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा उन्हें 7 से 8 सीट देने को तैयार है। इस बीच मांझी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स मजे ले रहे हैं।
जीतनराम मांझी ने X पर लिखा,
- हो न्याय अगर तो आधा दो,
- यदि उसमें भी कोई बाधा हो,
- तो दे दो केवल 15 ग्राम,
- रखो अपनी धरती तमाम,
- HAM वही ख़ुशी से खाएंगें,
- परिजन पे असी ना उठाएंगे”
इसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स मजे लेने लगे। एक यूजर ने लिखा, “समधन, बेटा, बहू… बाकी का 12 ग्राम किसके लिए मांग रहे है मांझी जी?” वहीं एक पवन रंजन नाम के यूजर ने लिखा, “मतलब माझी प्राइवेट लिमिटेड 15 सीट चाहती है, मगर मिलेगा नहीं। जो भी मिले, मूल बात तो यह कि टिकट किसको मिलेगा? परिवार में ही बंट जाएगा, बाकी दलित झंडा उठाने का काम करेंगे।”
एक अन्य यूजर ने मांझी पर तंज कसते हुए लिखा, “हो मोदी जी! सुनिए अरमान, परिवार का कर दीजिए कल्याण, हमको तो बस पन्द्रह टिकट चाहिए, हर दामाद–बेटा विधायक बन जाए। अगर उसमें भी कंजूसी हो, तो मंत्री-मंडल में थोड़ी कुर्सी हो हम वादा करते हैं मोदी जी प्यारे, जनता को देंगे बस सपने न्यारे, परिवार का भविष्य चमकाएंगे।”
जीतनराम मांझी पर लगते रहे हैं परिवारवाद के आरोप
बता दें कि जीतनराम मांझी और उनकी पार्टी पर परिवारवाद के आरोप लगते रहे हैं। वर्तमान में जीतनराम मांझी की पार्टी के चार विधायक, एक विधान परिषद और एक सांसद है। जीतनराम मांझी खुद सांसद हैं। उनके बेटे बिहार सरकार में मंत्री और विधान परिषद सदस्य हैं। जबकि मांझी की बहू और समधन भी विधायक हैं। ऐसे में चार संवैधानिक पदों पर कब्जा परिवार का ही है। इसीलिए उनके खिलाफ लोग सवाल उठाते रहते हैं।