बिहार में एनडीए में तो सीट शेयरिंग का मामला सुलझ गया है लेकिन महागठबंधन में अभी तक पेंच फंसा हुआ है। आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। इस बीच महागठबंधन की ही सहयोगी सीपीएमएल (CPIML) ने 18 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में माले ने अपने सभी सिटिंग विधायकों को रिपीट किया है।

किसे कहां से मिला टिकट?

पार्टी ने तरारी से मदन सिंह चंद्रवंशी, अगिआंव से शिवप्रकाश रंजन, आरा से कयामुद्दीन अंसारी, डुमरांव से अजीत कुमार सिंह, काराकाट से अरुण सिंह, अरवल से महानंद सिंह, घोसी से रामबली सिंह यादव, पालीगंज से संदीप सौरभ, फुलवारी से गोपाल रविदास, दीघा से दिव्या गौतम, दरौली से सत्यदेव राम, जिरादेई से अमरजीत कुशवाहा, दरौंदा से अमरनाथ यादव, भोरे से जितेंद्र पासवान, सिकटा से वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, वारिसनगर से फूलबाबू सिंह, कल्याणपुर से रणजीत राम और बलरामपुर से महबूब आलम को उम्मीदवार बनाया है।

2020 के विधानसभा चुनाव में माले को महागठबंधन में 19 सीटें मिली थी, जिसमें से उसने 12 पर जीत हासिल की थी। महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी नेताओं के साथ एक बैठक की। माना जा रहा है कि कांग्रेस 65 से 70 सीटों के बीच चाहती है। हालांकि आरजेडी उसे 55 से 60 के बीच में सीटें ऑफर कर रही है।

बिहार चुनाव: भाजपा ने 10 विधायकों का काटा टिकट, इनमें से पांच मंत्री भी रहे

वहीं सूत्रों के अनुसार वामपंथी दलों को आरजेडी 30 से 32 सीट देना चाहती है लेकिन 40 सीट मांग रहे हैं। हालांकि अभी तक इसको लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। तेजस्वी यादव सोमवार को दिल्ली में थे, लेकिन रात में पटना लौट गए। महागठबंधन में विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी पहले 40 सीट मांग रहे थे। बताया जा रहा है कि आरजेडी उन्हें 16 से 18 सीट देने को तैयार है लेकिन वह इस पर राजी नहीं है।

NDA में सीट शेयरिंग फाइनल

NDA में सीट शेयरिंग तय हो चुकी है। बीजेपी और जदयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। वहीं चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी 29, जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) 6 और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बीजेपी ने 71 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। वहीं जीतनराम मांझी ने भी अपने छह उम्मीदवार उतार दिए हैं।