कहलगांव में भाजपा के निवर्तमान विधायक पवन कुमार यादव बागी बनकर जद (एकी) के शुभांकर मुकेश के लिए रोडा बने हुए हैं। वहीं कांग्रेस के प्रवीण सिंह कुशवाहा और राजद के रजनीश यादव के बीच दोस्ताना संघर्ष है। हालांकि पवन कुमार यादव को भाजपा ने निष्कासित किया है लेकिन ये निर्दलीय पूरे जोर शोर से अपना प्रचार कर रहे हैं। यों कहे कि चारो उम्मीदवार अपने-अपने प्रचार में लगे हैं। यह क्षेत्र भागलपुर जिले का हिस्सा है। यहां चुनाव 11 नवंबर को है।

यों तो यहां से तेरह उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं लेकिन भाजपा, जद (एकी), कांग्रेस और राजद मुख्य राजनीतिक दल हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के पवन कुमार यादव 1 लाख 15 हजार से ज्यादा मत लाकर 42 हजार से ज्यादा मतों से जीते थे। इनके मुकाबले में कांग्रेस के उम्मीदवार शुभांकर मुकेश 72 हजार से ज्यादा मत हासिल कर शिकस्त खा गए थे।

सदानंद सिंह के बेटे हैं शुभांकर मुकेश

इसके पहले यानी 2015 में इनके पिता सदानंद सिंह कांग्रेस से लड़े और निर्वाचित हुए। इन्होंने 64981 मत हासिल किए थे। वहीं लोजपा (रामविलास) के नीरज कुमार मंडल 43752 मत लाकर पराजित हो गए थे। कांग्रेस से सदानंद सिंह कहलगांव से नौ बार जीते हैं। मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष बने। इनके बेटे शुभांकर मुकेश कांग्रेस से हारने के बाद जद (एकी) की सदस्यता ले ली थी। और अब जद (एकी) टिकट पर लड़ रहे हैं।

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कांग्रेस इसीलिए इस सीट को पारंपरिक बोलती है। वहीं राजद ने रजनीश यादव को टिकट दिया है। रजनीश के पिता झारखंड के गोड्डा से राजद के विधायक हैं। और झारखंड के उद्योग मंत्री हैं। इनके चाचा मनोज यादव बेलहर से जद (एकी) के निवर्तमान विधायक हैं और इस बार चुनाव लड़ रहे हैं। जाहिर है राजग और महागठबंधन के उम्मीदवार आपस में ही लड़ रहे हैं। वरीय पत्रकार पुष्पांकर गुप्ता बताते हैं कि इस बार कहना मुश्किल है कि विजयश्री किसको मिलेगी। लेकिन यह तय है कि पवन कुमार यादव बतौर बागी बनकर निर्दलीय उतरकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। इसमें शक नहीं है।