बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही चिराग पासवान की दोहरी चाल ने भाजपा को फंसा दिया है। मंगलवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की दो दौर की हुई बैठक बेनतीजा रही। इस बैठक में लोजपा (रा) नेताओं ने लोकसभा चुनाव में जीती पांच सीटों में से हर सीट पर दो विधानसभा के अलावा उन सीटों पर भी दावा कर दिया है जिन पर अभी भाजपा या जनता दल (एकी) के विधायक है। भाजपा और जद (एकी) पहले ही चिराग पासवान के दिए बयान को लेकर असमंजस में है।
दरअसल, पिछले महीने ही चिराग पासवान राज्य सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कड़ी आलोचना की मगर चुनाव में राजग की जीत का दावा भी किया। सितंबर के अंतिम सप्ताह में पटना में व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या के बाद चिराग पासवान ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। मुझे खेद है कि मैं ऐसी सरकार का हिस्सा हूं जो अपराध नियंत्रित करने में नाकाम है। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ‘डबल स्पीक’ का आरोप लगाया।
नीतीश भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ
उन्होंने कहा था कि अगर नीतीश भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ हैं, तो फिर ऐसी सरकार में क्यों हैं जिसमें वही चीजें फल-फूल रही हैं। इन बयानों को लेकर उठे सवाल के बाद चिराग ने सफाई देते हुए कहा था कि सरकार में रहकर यदि कोई कमी दिखे तो उसे सुधारना मेरा दायित्व है, विरोध नहीं। वहीं जब उनसे उपमुख्यमंत्री पद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’। राजगीर में हुई पार्टी रैली में चिराग ने कहा था मैं किसी पद का भूखा नहीं, लेकिन अगर हमारी सरकार बनती है तो एलजेपी (आर) की भी हिस्सेदारी होगी। उन्होंने 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कही, जो भाजपा के लिए दोस्ती में प्रतिस्पर्धा का संकेत हो सकता है।
जल्द होगी सहमति : लोजपा (रा) के सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को सीट बंटवारे को लेकर पार्टी प्रमुख ने भाजपा के तरफ से बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, बिहार प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े, भाजपा नेता मंगल पांडे ने करीब एक घंटे तक बैठक की। उसके बाद प्रधान और तावड़े चिराग से मुलाकात करने घर भी आए। इस दौरान पार्टी के तरफ से जीती हुई लोकसभा में से हर सीट पर दो विधानसभा, बड़े नेताओं के लिए सीट के साथ बीते विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन के आधार पर सीट तय करने की मांग की। पार्टी कम से कम 40 सीट का दावा कर रही है।
जीतन राम मांझी भी अड़े
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के मुखिया जीतन राम मांझी के साथ भी भाजपा के नेताओं की बैठक हुई। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हम की एक दर्जन सीट पर दावेदारी होनी चाहिए। जबकि भाजपा सात देने के पक्ष में है। ऐसे में पार्टी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। पार्टी का कहना है कि वह पिछली बार आठ सीटों पर चुनाव लड़ चुकी है। वहीं, राजग सूत्रों का कहना है कि मौजूदा फार्मूले के तहत जद (एकी) के 102, भाजपा 101 सीट देने पर विचार बना है। दो सीट को विकल्प के तौर पर खाली छोड़ा गया। ऐसे में यदि सहमति नहीं बनती तो चिराग, मांझी और कुशवाहा को मनाने के लिए भाजपा-जद (एकी) को अपने हिस्से से सीट देनी पड़ सकती है।