बिहार में दो प्रमुख गठबंधन, सत्तारूढ़ एनडीए और महागठबंधन नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर अपने मतभेदों को सुलझाने में जुटे हैं। वहीं असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने बुधवार को चंद्रशेखर आज़ाद की आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) और स्वामी प्रसाद मौर्य की अपनी जनता पार्टी (एजेपी) के साथ चुनावी गठबंधन किया है। गठबंधन की कोशिश राज्य में ‘तीसरे मोर्चे’ के रूप में उभरने की है।

एआईएमआईएम की बिहार इकाई के अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा, “दलितों और समाज के वंचित वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए गठबंधन बनाया गया है और यह सांप्रदायिकता और अवसरवाद की राजनीति के खिलाफ काम करेगा।” उन्होंने कहा कि “बिहार की 20% दलित आबादी, 18% अल्पसंख्यक और विभिन्न ओबीसी समुदायों की उपेक्षा की गई है।”

ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस ने भी सीट-बंटवारे को अंतिम रूप दिया

प्रस्तावित ‘तीसरे मोर्चे’ जिसे ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (GDA) कहा जाता है ने भी अपनी सीट-बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया है। इसके तहत,एआईएमआईएम 35 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि एएसपी (कांशीराम) और एजेपी क्रमशः 25 और 4 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। सूत्रों ने बताया, “गठबंधन तय करेगा कि वह और सीटों पर चुनाव लड़ेगा या नहीं।”

पढ़ें- बीजेपी कार्यकर्ताओं से क्या बोले पीएम मोदी

AIMIM ने 5 सीटों पर की उम्मीदवारों की घोषणा

एआईएमआईएम अब तक 5 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। पार्टी का दावा है कि भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए महागठबंधन में शामिल होने के उसके प्रस्ताव पर आरजेडी ने उसे बार-बार नज़रअंदाज़ किया है। एएसपी (कांशीराम) की बिहार इकाई के प्रमुख जौहर आज़ाद ने भी इमाम के विचारों के विचारों पर ज़ोर देते हुए कहा, “हम वंचित वर्गों के मुद्दों के लिए लड़ेंगे और गुरुवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि नगीना के सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद 22 अक्टूबर को बिहार में अपने अभियान की शुरुआत करेंगे।

AIMIM 20 सीटों पर चुनाव लड़कर 5 सीटें जीती थीं

एआईएमआईएम और एएसपी (कांशीराम) दोनों ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव अलग-अलग गठबंधनों के तहत लड़े थे। ओवैसी की पार्टी ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (अब राष्ट्रीय लोक मोर्चा, जो एनडीए का हिस्सा है) के साथ गठबंधन किया था, जबकि चंद्रशेखर आज़ाद ने पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (जेएपी) के साथ गठबंधन किया था, जिसका अब कांग्रेस में विलय हो गया है।

एएसपी (कांशीराम) 28 सीटों पर चुनाव लड़कर एक भी सीट नहीं जीत पाई थी

एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर चुनाव लड़कर 5 सीटें जीती थीं जबकि एएसपी (कांशीराम) 28 सीटों पर चुनाव लड़कर एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। एआईएमआईएम को 2020 में सीमांचल क्षेत्र की सभी 5 सीटें मिली थीं – जिसमें अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज जिले शामिल हैं।

एआईएमआईएम और एएसपी (कांशीराम) दोनों ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव अलग-अलग गठबंधन के तहत लड़े थे। ओवैसी की पार्टी ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (अब राष्ट्रीय लोक मोर्चा, जो एनडीए का हिस्सा है) के साथ गठबंधन किया था।

पढ़ें- बीजेपी ने बिहार के लिए जारी की 18 नामों की फाइनल लिस्ट