बिहार विधानसभा चुनाव में छाए बेरोजगारी और पलायन का मुद्दों पर राजनीतिक दल दांव लगा रहे हैं। इन मुद्दों को लेकर महागठबंधन और जन सुराज पार्टी सक्रिय है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) भी अपने हिसाब से इस मुद्दे को उठा रहा है। भाजपा की हालिया आंतरिक रपट में भी इन मुद्दों को लेकर चर्चा की गई है। इसमें कहा गया कि शहरी बेरोजगार युवा इस चुनाव में कारक बन सकता है। बड़ी संख्या में गैर यादव ओबीसी व अतिपिछड़ा वर्ग के मतदाता शामिल हैं, जबकि भाजपा शहरी क्षेत्र में ही अच्छा प्रदर्शन करती हुई आई है।

आंकड़े बताते हैं कि साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजग महज 0.03 फीसद के अंतर से जीती थी। उस चुनाव में राजग को कुल मत का 37.26 फीसद वोट मिला था। इस चुनाव में राजग का वोट फीसद 7.84 फीसद घट गया। वहीं महागठबंधन को 37.23 फीसद मत मिला और उसका मत फीसद 8.62 फीसद बढ़ा था। यहीं कारण है कि राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने इस वर्ग को लुभाने के लिए हर परिवार में एक को सरकारी नौकरी देने का वादा किया। साथ ही लगातार बेरोजगारी और पलायन के मुद्दे को उठा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर भी हर सभा में इस मुद्दे को भुनाने का प्रयास कर रहे हैं।

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बिहार के नेताओं की माने तो इस बार का चुनाव काफी जटिल है। सरकारी नौकरियों में भर्ती की धीमी प्रक्रिया, बार-बार भर्ती परीक्षा रद्द होना, बेरोजगारों को अदालत का सहारा लेना सहित कई कारणों से सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले चुनाव में भाजपा राजग में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। पार्टी के मुख्य मतदाताओं में अगड़ा (करीब 15 फीसद), अतिपिछड़ा वर्ग (करीब 30 फीसद) और गैर यादव ओबीसी (करीब आठ फीसद ) वर्ग शामिल हैं।

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इस चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल और जन सुराज पार्टी विशेष रूप से अतिपिछड़ा वर्ग पर ध्यान दे रही है, जिसने जातीय और सामाजिक समीकरण बिगाड़ दिया है। बिहार में अतिपिछड़ा वर्ग की संख्या करीब 30 फीसद है और इसमें 100 से अधिक जाति समुदाय के लोग आते हैं। इनका शहरी-ग्रामीण वितरण समग्र राज्य के शहरीकरण के समान है। इस वर्ग का युवा वर्ग सरकार से खासा नाराज दिख रहा है।

जनता दल (एकीकृत) नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बेरोजगारी और पलायन का मुद्दा लालू सरकार में होता था, राजग की सरकार में लोग वापस बिहार में लौट रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि करीब 23 लाख लोग वापस बिहार में आए हैं। बिहार में उद्योग लग रहा है, जो युवाओं के रोजगार के लिए बड़ा साधन बनेगा। वहीं जीविका योजना के माध्यम से महिलाओं को मदद दी जा रही है। उन्होंने दावा किया कि अगले पांच साल में प्रदेश विकसित बिहार के तरफ कदम बढ़ाएगा।