बिहार विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान में सत्ता- पक्ष विपक्ष की नजर पांच विधानसभा सीटों के सबसे दिलचस्प मुकाबले पर होगी। ये बिहार की उन चुनिंदा विधानसभाओं में शामिल हैं, जहां पर सबसे कम मतों के अंतर से राजनीतिक दलों-जनता दल (एकी), लोक जनशक्ति पार्टी, भाजपा और कांग्रेस ने अपनी जीत दर्ज कराई थी। अंदरूनी घमासान की वजह से सीटों पर महागठबंधन के दलों की सीटों की स्पष्टता अब तक सामने नहीं आई है, हालांकि कांग्रेस अब तक 54 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।
ऐसी विधानभाओं में सबसे महत्वपूर्ण हिलसा सीट रही। यहां जद (एकी) और राजद के बीच सीधा मुकाबला था। इस सीट पर जद (एकी) को 61848 और राजद को 61836 मत मिले थे। इस सीट पर केवल लोजपा 17 हजार से अधिक मत पाकर तीसरे नंबर की पार्टी बनी थी। अन्य उम्मीदवारों के मतों का दायर से दो से पांच हजार मतों के बीच था। इस सीट पर केवल 12 वोट से जीत दर्ज कराई थी। बार्बिघा विधानसभा मूलत: पहले कांग्रेस की सीट थी लेकिन बीते चुनाव में इस सीट पर जद (एकी) ने बढ़त बना ली थी।
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इस बढ़त के बाद भी जद (एकी) और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला था। यहां पर दोनों ही दलों के बीच चंद ही मतों का अंतर था। इस सीट पर जद (एकी) को कुल 39878 और कांग्रेस 39765 मत मिले थे। 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सीट पर जीत दर्ज थी। मटिहानी त्रिकोणीय मुकाबले वाली सीटों में शामिल रही थी, यहां लोजपा, जद (एकी) और माकपा के बीच मुकाबला था।
इन तीनों ही दलों के उम्मीदवारों को साठ हजार से अधिक मत पड़े थे। यहां लोजपा को 61364, जद (एकी) को 61031 और माकपा को 60599 मत मिले थे। इस सीट पर जीत का अतंर केवल 333 मत का था। भोरे विधानसभा 2020 के चुनाव में जद (एकी) (कांग्रेस सहयोगी दल) और भाकपा (माले) के बीच सीधी टक्कर थी।
इसके बाद तीसरे नंबर पर लोजपा के उम्मीदवार को वोट मिले थे। इसी प्रकार, रामगढ़ विधानसभा में सीधी टक्कर भाजपा व बसपा के बीच थी। 2024 के उप-चुनाव में इस सीट पर भाजपा को 62179 मत और बसपा को 60895 मत मिले थे। वहीं 2020 के चुनाव में यहां पर केवल राजद, बसपा और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला था।