बिहार चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर पूरी तरह से पलट गए हैं। कभी नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने से इनकार करने वाले नीतीश आज फिर उन्हीं प्रधानमंत्री के नाम पर वोट मांग रहे हैं।

चुनावी सभा में बुधवार को नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी एक साथ मंच पर दिखाई दिए। विकास के नाम पर वोट मांगने वाले नीतीश कुमार ने अपना पूरा भाषण नरेंद्र मोदी की सरकार की तरफ से बिहार में किए गए कार्यों पर केंद्रित रखा। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि एनडीए दुबारा सत्ता में आती है तो मोदी यह सुनिश्चित करेंगे कि बिहार विकसित राज्य बने। सीएम नीतीश ने मोदी की प्रशंसा की और प्रचार के लिए “समय निकालने” के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

नीतीश ने लोगों से कहा कि वे पीएम की अपील को सुनें। उन्होंने कहा कि यदि आप एनडीए को एक और मौका देते हैं, तो आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि वह राज्य को बदल देंगे। बिहार आगे बढ़ेगा। सीएम ने पीएम की ‘उदारता’ की सराहना करते हुए बिहार में पटना मेट्रो, स्मार्ट सिटी योजना, उज्ज्वला योजना और सड़कों का जिक्र किया।

भीड़ से मोदी, मोदी के लग रहे नारों के बीच सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि लोग केवल मोदी को सुनने के लिए रैली में आए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को नियंत्रित करने के पीएम मोदी के प्रयास असाधारण रहे हैं। नीतीश के भाषण के बाद, मोदी को आमंत्रित करते हुए उन्हें युग पुरुष की उपाधि दी गई।

जब 2019 लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी तो उसका श्रेय काफी हद तक मोदी फैक्टर को दिया गया था। यह पहली बार विधानसभा चुनाव में है कि सीएम पीएम के नाम पर वोट मांग रहे हैं।

इससे पहले 2009 के लोकसभा और 2010 के विधानसभा चुनावों में, जब वह गुजरात के सीएम थे, मोदी ने बिहार में एनडीए के लिए प्रचार नहीं किया था। 2010 की जनसभा में नीतीश ने कहा था, “जब बिहार में सुशील मोदी हैं, तो यहां किसी दूसरे मोदी (नरेंद्र) की ज़रूरत नहीं है।” यहां तक कि उन्होंने मोदी की मौजूदगी में पटना में 2010 में एक निर्धारित एनडीए डिनर भी रद्द कर दिया था।