सिकटा विधानसभा सीट वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। इस विधानसभा सीट में सिकटा, नरकटियागंज, बरवा बरौली, सोमगढ़ और भभता पंचायतें आती हैं। सिकटा सीट नेपाल सीमा से सटी हुई है। इसके नजदीकी कस्बों में नरकटियागंज, रामनगर, बेतिया और रक्सौल शामिल हैं।

यह सीट दिलीप वर्मा की वजह से चर्चा में रहती है। दिलीप वर्मा इस सीट से पांच बार विधायक बने। वह 1991, 1995, 2000, 2005 और 2010 में इस सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे।

पिछले दो चुनाव नतीजों की बात करें तो 2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के उम्मीदवार फिरोज अहमद ने बीजेपी के टिकट पर लड़े दिलीप वर्मा को हराया था।

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2020 के विधानसभा चुनाव में सीपीआई (एमएल) (लिबरेशन) के बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने निर्दलीय चुनाव लड़े दिलीप वर्मा को 2302 वोटों से हराया था। जेडीयू के उम्मीदवार फिरोज अहमद तीसरे नंबर पर रहे थे। प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज इस बार यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बना सकती है।

यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा

सिकटा विधानसभा सीट के जातीय समीकरणों की बात करें तो यहां यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। सिकटा विधानसभा में कुल 2,98,461 मतदाता हैं। इनमें पुरुष मतदाता 1,58,248 और महिला मतदाता 1,40,201 हैं।

सिकटा के इलाके में बड़े पैमाने पर खेती आती है। यहां धान, गेहूं, मक्का, दलहन, सरसों और जूट की भी खेती होती है। सिकटा के लोगों को हर साल नेपाल से आने वाली बाढ़ की मार झेलनी पड़ती है। बरसात के दिनों में इस इलाके के कई गांवों का शहर से संपर्क टूट जाता है।

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