बिहार चुनाव के लिए सभी दल अपनी-अपनी रणनीति को जमीन पर उतारने में लगे हुए हैं। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने दो दिवसीय बिहार दौरे पर बीजेपी कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार में ‘ट्रिपल M’ पर फोकस करने का स्पष्ट संदेश दिया। इसमें महिलाओं तक पहुंच बढ़ाना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम व छवि को सामने रखना और मंदिर जैसे धार्मिक मुद्दों को उठाना शामिल है।
इसके अलावा उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे विपक्षी महागठबंधन की वोटर लिस्ट के SIR के खिलाफ मुहिम को “घुसपैठिया” के मुद्दे के जरिए जवाब दें। अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि वे सप्ताह में तीन बार मोटरसाइकिल यात्रा निकालकर गांव-गांव जाएं। इसके अलावा जमीनी स्तर पर पार्टी के नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए पंचायत चुनावों में दूसरे नंबर पर रहे उम्मीदवारों से भी संपर्क करें।
अमित शाह ने बिहार के किन-किन नेताओं से की मुलाकात
अमित शाह ने दोहराया कि मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार की अगुवाई में ही एनडीए विधानसभा चुनाव लड़ेगा। उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे पूरी मेहनत करें ताकि एनडीए की सत्ता बरकरार रहे।
शनिवार को बिहार दौरे के अंतिम दिन अमित शाह ने समस्तीपुर में तिरहुत और दरभंगा इलाके के आठ जिलों के बीजेपी नेताओं से मुलाकात की। इस बैठक में बीजेपी के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और पार्टी के कई बड़े नेता मौजूद थे। बैठक में मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और वैशाली जिलों के नेता भी शामिल हुए।
समस्तीपुर बैठक का हिस्सा रहे बीजेपी के एक नेता ने बताया कि उनसे पूछा गया कि अगर चुनाव आयोग की मतदाता सूची की विशेष जांच (SIR) और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हाल की वोटर अधिकार यात्रा पर सवाल उठे तो वो क्या जवाब देंगे। तब अमित शाह ने खुद सुझाव दिया कि उन्हें कहना चाहिए कि राहुल गांधी दरअसल घुसपैठियों की रक्षा करना चाहते हैं, इसलिए वह SIR का विरोध कर रहे हैं।
शुक्रवार को पटना और बेतिया में की अमित शाह ने मीटिंग
शुक्रवार को अमित शाह ने कुल तीन बैठकें की। इनमें से दो पटना में और एक मीटिंग बेतिया में आयोजित की गई। बेतिया में अमित शाह ने पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सारन, सीवान और गोपालगंज के पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
एक पार्टी कार्यकर्ता ने बताया, “उन्होंने (अमित शाह) पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे हफ्ते में तीन बार कम से कम 11 मोटरसाइकिलों के साथ एक ही समूह के गांवों में यात्रा निकालें। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, यह मोटरसाइकिल यात्रा रोजाना निकाली जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन नेताओं तक पहुंचना बहुत जरूरी है, जो पिछली पंचायत चुनावों में दूसरे नंबर पर रहे थे।”
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पटना में अमित शाह ने पार्टी के उपाध्यक्षों, महासचिवों और अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में बिहार से बाहर के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। इसमें पार्टी की चुनावी रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।
एक बीजेपी नेता ने बताया, “अमित शाह ने हमसे कहा कि हमें लाभार्थी योजनाओं के बारे में बात करनी है, खासकर महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के बारे में, जो केंद्र और राज्य सरकार चला रही हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत नेतृत्व क्षमता और यह भी बताना है कि एनडीए सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के बाद अब सीतामढ़ी में माता जानकी मंदिर का निर्माण कराया है। फोकस तीन M पर होगा – महिला, मोदी और मंदिर।”
उस नेता ने यह भी कहा कि बिहार के हर 40 जिलों (38 प्रशासनिक और 2 पुलिस जिलों) में एक स्थानीय नेता और एक बाहर से आए नेता मिलकर काम करेंगे।
बिहार कोर कमेटी के साथ भी मीटिंग की
अमित शाह ने बिहार कोर कमेटी के साथ मीटिंग भी की। इस मीटिंग में राज्य के दोनों डिप्टी सीएम और बिहार बीजेपी चीफ शामिल हुए। बीजेपी के अंदरुनी सूत्र ने बताया कि मीटिंग में एनडीए में सीट बंटवारे पर भी चर्चा हुई। बातचीत में कुछ सीटें जेडीयू और अन्य सहयोगियों के साथ बदलने का विकल्प भी शामिल था ताकि जीत की संभावना बढ़ सके। इसके अलावा पार्टी ने सीटवार चर्चा का पहला राउंड भी आयोजित किया।
एनडीए के कमजोर क्षेत्र से हुई थी बैठकों की शुरुआत
इससे पहले 18 सितंबर को अमित शाह रोहतास और बेगूसराय में भी इसी तरह के क्षेत्रवार बैठकें आयोजित कर चुके हैं। अमित शाह ने एनडीए के सबसे ‘कमजोर’ क्षेत्र- शाहाबाद और मगध से अपनी बैठक शुरू की। 2024 के लोकसभा चुनावों में इन क्षेत्रों की सभी सीटें (बक्सर, आरा, कराकट और पाटलिपुत्र) महागठबंधन को मिली थीं। इन क्षेत्रों में एनडीए ने 2020 के विधानसभा चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था।
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