Bihar News: बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह ने जेल से छूटने के बाद बुधवार को पहली बार किसी सार्वजनिक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान आनंद मोहन सिंह ने युवा आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि मुझ पर लगे सभी आरोप झूठे और निराधार हैं।

पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन सिंह बिहार के अररिया जिले में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। जनसभा को संबोधित आनंद मोहन सिंह ने कहा, ‘यह देश किसी की जागीर नहीं है। हर किसी ने इसे अपने खून से सींचा है। मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं बिना किसी शिकायत के 15 साल से अधिक की जेल की सजा काट चुका हूं। सरकार का अगर मानना है कि मैं दोषी हूं तो मैं फांसी पर चढ़ने के लिए तैयार हूं।’

आनंद मोहन सिंह को शुरू में 2007 में एक ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, 2008 में पटना उच्च न्यायालय द्वारा उसे आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2012 में गोपालगंज के जिला मजिस्ट्रेट जी कृष्णैया की कथित हत्या के लिए उनकी सजा को बरकरार रखा था। 1994 में गोपालगंज के डीएम की हत्या कर दी गई थी।

आनंद मोहन की रिहाई के बाद से बिहार की राजनीति गर्म है। इसी का परिणाम रहा कि स्थानीय बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह और दो बीजेपी विधायकों ने उनके साथ कार्यक्रम में मंच साझा नहीं किया। बुधवार को अररिया जिले के फारबिसगंज के फैंसी मार्केट में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा का अनावरण समारोह था। इसी में आनंद मोहन सिंह और उनकी पत्नी लवली आनंद पहुंचीं थीं। जिला क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

आनंद मोहन सिंह ने अनावरण कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में बाबू वीर कुंवर सिंह के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि वे स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से हैं। चर्चित मामले का जिक्र करते हुए कहा कि आईएएस जी कृष्णैया हत्याकांड में वे निर्दोष हैं। बावजूद सजा काट कर आए हैं, जबकि उनके साथ हत्याकांड में सात लोगों को आजीवन कारावास की सजा मिली थी, लेकिन छह लोग छूट गए। उन्होंने उस दंड की सजा काटी जो उन्होंने किया ही नहीं।

मेरी पत्नी ने CBI जांच की मांग की थी: आनंद मोहन सिंह

सिंह ने कहा कि जी कृष्णैया हत्याकांड और उन्हें जेल से छोड़े जाने को लेकर वर्तमान दौर में सियासी दल के नेता अपनी सियासत चमकाने के लिए कई तरह के बयान दे रहे हैं। इस दौरान आनंद मोहन सिंह ने दो नेताओं का नाम लिया। कहा कि अगर उनके बारे में जानने चाहते हैं, तो लालकृष्ण आडवाणी और नवीन पटनायक से पूछिए कि वो क्या चीज हैं। कहा कि वह हमेशा सिद्धांत की लड़ाई लड़ने वाले व्यक्ति रहे हैं। सिंह ने कहा कि लवली आनंद ने संसद में चिल्ला-चिल्लाकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी और कहा था कि अगर मेरे पति दोषी हैं तो फांसी दे दीजिए पर सीबीआई जांच नहीं हुई थी।