भीमा कोरेगांव मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कवि वरवरा राव के दो दामाद प्रो. के. सत्यनारायण और वरिष्ठ पत्रकार केवी कुरमानाथ को समन जारी किया है। नोटिस में इन दोनों से 9 सितंबर को केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय में बुलाया गया है।

ये समन सीआरपीसी की धारा सेक्शन 160 और 90 के तहत जारी किए गए हैं। के. सत्यनारायण हैदराबाद के इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी (EFLU) में कल्चरल स्टडीज विभाग में प्रोफेसर हैं। प्रो. सत्यनाराण ने एक बयान जारी कर कहा, मैं उस दुखद समाचार को साझा करना चाहता हूं जो एनआईए, मुंबई ने मुझे 9 सितंबर को गवाह के रूप में पेश होने के लिए बुलाया है। मेरे साथ वरिष्ठ पत्रकार केवी कुरमानाथ को भी उसी तारीख को पेश होने को कहा गया है।

सत्यनारायण ने कहा कि इससे पहले अगस्त 2018 में एनआईए की टीम ने मेरे घर पर छापा मारा था। तलाशी के दौरान वे लोग मेरे घर से वरवरा राव के खिलाफ सबूत जुटाने की बात कह रहे थे। उसी समय वरिष्ठ पत्रकार कुरमानाथ के घर पर भी छापा मारा गया था। समन के बारे में जानकारी देते हुए वरिष्ठ पत्रकार कुरमानाथ ने कहा कि यह सही है कि हमें एनआईए की तरफ से समन भेजा गया है।

उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना की वजह से हमें मुंबई का सफर करने से डर लग रहा है। मुंबई इस समय कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बना हुआ है। मालूम हो कि एक जनवरी, 2018 को महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव गांव में जातिगत हिंसा को भड़काने में कथित भूमिका के लिए कवि वरवारा राव को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में ही बंद हैं।

परिजनों का कहना है कि जेल में राव की तबियत ठीक नहीं है। अपनी गिरफ्तारी पर राव ने कहा था कि उनके खिलाफ पुलिस ने झूठे आरोप लगाए है। उनका हाथ भीमा कोरेगांव की हिंसा में नहीं है, उन पर झूठे आरोप लगाकर फंसाया जा रहा है।

कवि राव समेत अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं पर माओवादियों से संबंध रखने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। सत्यनारायण का कहना है कि उनका वरवरा राव से संबंध है लेकिन भीमा कोरेगांव मामले से कोई संबंध नहीं है।