पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस नेता पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी ने शांतिनिकेतन में साल 2012 मिलकर फॉर्म हाउस खरीदा था। इसके लिए 20 लाख रुपए रुपए का भुगतान किया गया था।

इससे पहले दिन में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अर्पिता मुखर्जी के कम से कम तीन बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया शुरू की। जहां उन्हें कम से कम 2 करोड़ रुपये मिले। मुखर्जी के कई कंपनियों के बैंक खाते भी ईडी की जांच के दायरे में हैं। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी मुखर्जी से यह पता लगाने के लिए पूछताछ जारी रखेगी कि क्या उनके पास और बैंक खाते हैं।

सूत्रों ने बताया कि चटर्जी के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। सूत्रों ने ये भी बताया कि मुखर्जी और चटर्जी दोनों से सुबह से पूछताछ चल रही है। पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैट से ईडी ने भारी मात्रा में आभूषण और विदेशी मुद्रा के अलावा 50 करोड़ रुपये नकद जब्त किए थे। दोनों तीन अगस्त तक केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में रहेंगे।

जानकारी के मुताबिक जब यह फार्म हाउस खरीदा गया था तो इसका नया नाम रखा गया था। फार्म हाउस का नाम अ-पा रखा गया था। इसका मतलब है अर्पिता और पार्थ। ये नाम फार्म हाउस की नेम प्लेट पर भी लिखा हुआ है।

दोनों को 23 जुलाई को शिक्षक भर्ती घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था, जहां वास्तविक उम्मीदवारों को कथित तौर पर उन नामों से हटा दिया गया था, जो मेरिट सूची में नहीं थे। ईडी घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच कर रहा है।

अर्पिता की मां टूटे-फूटे घर में रहती हैं: रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार जिन अर्पिता मुखर्जी के घर से इतने भारी मात्रा में कैश मिले हैं, वहीं उनकी मां एक टूटे-फूटे घर में रहती हैं। कोलकाता के बलघेरिया इलाके में अर्पिता मुखर्जी का पुश्तैनी घर है, जहां पर उनकी मां अकेले रहती है। घर की स्थिति भी काफी जर्जर है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार उनकी मां ने बताया कि अर्पिता मुखर्जी कभी-कभी उनके घर पर आती हैं और उन्हें दवाइयां और राशन देकर जाती हैं।